Madhya Pradesh News: (Gwalior) केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिंया (Jyotiraditya Scindia) ने शनिवार शाम गोरखी स्थित सिंधिया राज परिवार के देवघर (Deoghar) पहुंचकर बाबा मंसूर शाह की पूजा-अर्चना की. उन्होंने शाही परम्परा के अनुसार वहां सियासत के धोलीबुआ मठ के महाराज से आशीर्वाद भी लिया. सिंधिया परिवार के लिए हर वर्ष पितृ पक्ष के पहले दिन होने वाली यह पूजा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है.
साथ में थे पत्नी और पुत्र
सिंधिया परिवार की परम्परा के अनुसार सिंधिया अपनी पत्नी प्रियदर्शनी राजे (Priyadarshni Raje) और पुत्र महान आर्यमन के साथ गोरखी स्थित देवघर पहुंचे और यहां राजसी परंपरा के अनुसार सिंधिया स्टेट के वशय्यंत्रो की धुन के बीच परिवार का स्वागत किया गया. इसके बाद प्रियदर्शनी और उनके बेटे बाहर बने स्थान पर बैठे और ज्योतिरादित्य सिंधिया देवघर में अंदर गए जहां बाबा साहब मंसूर की दरगाह पर गुलाब के फूल चढ़ाए और परंपराअनुसार जब तक आशीर्वाद स्वरूप एक फूल उसमे से नीचे नही गिर गया तब तक वे चंवर हिलाकर उस पर हवा कर प्रार्थना करते रहे. फूल गिरने के बाद उन्होंने बाहर आकर धोलीबुआ महाराज से परंपरागत राम कथा सुनी और सभी को उपहार दिए. इस मौके पर सिर्फ सिंधिया रियासतकाल से जुड़े प्रमुख लोग ही उपस्थित रहे.
बाबा का आशीर्वाद है सिंधिया परिवार पर
इस मौके पर सिंधिया ने कहा कि बाबा मंसूर शाह का आशीर्वाद सदैव सिंधिया परिवार और इस क्षेत्र के लोगों रहा है, परंपरा के अनुसार आज उनके उर्स के मौके पर हम लोगों ने उनकी पूजा अर्चना की और अपने परिवार और अंचल की खुशहाली और सुख शांति के लिए प्रार्थना की और आशीर्वाद मांगा.
मंसूर शाह के आशीर्वाद से ही शुरू हुआ सिंधिया राजवंश
कहा जाता है कि सतारा महाराष्ट्र के सूफी संत बाबा मंसूर ने कहा था कि इस परिवार का बेटा राजा बनेगा और फिर ऐसा हुआ भी तभी से सिंधिया परिवार उनको कुलगुरु की तरह मानता है. तत्कालीन महाराज में गोरखी स्थित महल में ही देवघर बनवाकर उन्हें स्थापित किया था. आज भी उसी परम्परा के साथ परिवार उनकी पूजा करता है.
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