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छात्रों ने खोली गड़बड़ी की पोल तो यूनिवर्सिटी ने डराने के लिए अपनाया ये हथकंडा

Madhya Pradesh Gwalior News in Hindi : छात्रों ने परीक्षा जांच को लेकर जब यूनिवर्सिटी पर सवाल खड़ा किया तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस पर अंकुश लगाने की बजाय उल्टा छात्रों को ही डराने का तरीका अपना लिया.

छात्रों ने खोली गड़बड़ी की पोल तो यूनिवर्सिटी ने डराने के लिए अपनाया ये हथकंडा
छात्रों ने खोली गड़बड़ी की पोल तो यूनिवर्सिटी ने डराने के लिए अपनाया ये हथकंडा

Gwalior Jiwaji News : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी (Gwalior Jiwaji University) से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. छात्रों ने परीक्षा जांच को लेकर जब यूनिवर्सिटी पर सवाल खड़ा किया तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस पर अंकुश लगाने की बजाय उल्टा छात्रों को ही डराने का तरीका अपना लिया. दरअसल, जीवाजी के छात्रों ने यूनिवर्सिटी पर सवाल उठाया कि वो परीक्षा की कॉपी की जांच में गड़बड़ी कर रही है. इसके बाद छात्रों ने RTI के माध्यम से इसका खुलासा किया तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने विरोध कर रहे छात्रों को डराने के लिए अजीबोगरीब हथकंडा अपना लिया.

यूनिवर्सिटी ने अपनाया ये तरीका

अपनी करतूत का भंडाफोड़ होने और छात्रों के विरोध किए जाने पर यूनिवर्सिटी ने बच्चों के माता-पिता को पत्र लिख कर उन्हें बुलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी. इससे छात्रों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और वो जमकर उबल पड़े. इसी कड़ी में छात्रों ने यूनिवर्सिटी में हंगामा करते हुए अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई. दरअसल, छात्रों ने NSUI (National Students' Union of India) के नेतृत्व में जीवाजी विश्वविद्यालय में कॉपी चैकिंग में की जा रही गड़बड़ी को लेकर आंदोलन किया था. इसमें उन्होंने RTI से कॉपी निकाली थी जिसमें साफ हो गया कि यह कॉपियां गलत तरीके से चैक की जा रही हैं जिससे छात्र असंतुष्ट हैं. 

इसे लेकर NSUI के विश्वविद्यालय अध्यक्ष पारस यादव ने कहा कि हम लोगों ने इस प्रक्रिया को चैलेंज करने के लिए कोर्ट में जाने की भी बात कही थी. इसके बाद छात्रों पर प्रेशर बनाने के लिये B.P.Ed के 11 छात्रों के पैरेंट्स को लेटर भेज कुलसचिव और कुलपति ने 28तारीख  को मिलने बुलाया.

कुलसचिव और कुलपति पर गिरी गाज

इधर, आज इसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अध्यक्ष NSUI के जीवाजी विश्वविद्यालय अध्यक्ष पारस यादव डायरेक्टर फिजिकल डिपार्टमेंट से मिलने पहुंचे लेकिन वो नहीं मिले. उसके बाद वे छात्रों और पेरेंट्स को लेकर कुलसचिव ऑफिस पहुंचे. वहां पर उन्होंने राजीव मिश्रा से बात की कि यह लेटर किस ऑर्डिनेंस के तहत भेजे गए है? छात्रों के पैरेंट्स को तो वो जवाब नहीं दे पाए जिससे साफ़ देखा जा सकता है कि कुलपति और कुलसचिव बच्चों पर दबाव बनाकर कोर्ट जाने से रोकने का काम कर रहे है जिससे इनके गड़बड़ियां सामने न आ पाए. बता दें कि इस मौके पर जीवाजी विश्वविद्यालय अध्यक्ष की तरफ से चेतावनी दी गई है अगर किसी छात्र को कुछ हुआ तो इसका ज़िम्मेदार कुलसचिव और कुलपति होंगे.

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