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Gwalior: फकीर हत्याकांड मामले में 12 आरोपियों को आजीवन कारावास, 6 लोगों को 1-1 साल की सजा, जानें पूरा मामला

Gwalior Fakir murder case: साल 2014 में ग्वालियर में दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था. इश दौरान दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई थी, जिसमें एक की मौत हो गई थी. अब इस मामले में कोर्ट ने 12 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

Gwalior: फकीर हत्याकांड मामले में 12 आरोपियों को आजीवन कारावास, 6 लोगों को 1-1 साल की सजा, जानें पूरा मामला

Fakir murder case: ग्वालियर में पुरानी आपसी रंजिश के चलते दो पक्षों में 14 फरवरी 2014 को आपसी भिड़ंत हुई थी, जिसमें एक पक्ष के फकीर सिंह की मौत हुई थी, जबकि दूसरे पक्ष के कुछ लोगों को चोटें आई थीं. अब इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है.  विशेष न्यायाधीश ऋतुराज सिंह चौहान ने हत्या के मामले में सभी 12 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही इन लोगों पर जुर्माना लगाया. हालांकि एक आरोपी की ट्रायल के दौरान मृत्यु हो चुकी है.

12 आरोपियों को आजीवन कारावास, 6 लोगों को 1-1 साल की सजा

वहीं मारपीट के आरोप में दूसरे पक्ष के 6 लोगों को एक-एक साल की सजा हुई है. इसके अलावा सभी पर 2-2. हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

जानें पूरा मामला

विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह चौहान ने बताया कि  2014 में थाना बिजौली में नाथू सिंह ने एफआईआर कराई थी. शिकायत में बताया गया था कि सुबह 8 बजे भतीजा रामदास ड्यूटी के लिए मालनपुर जा रहा था. पुरानी रंजिश के चलते सुमेर ठेकेदार के पुरा के पास रास्ते में अंगद, दाताराम, मुकेश, संजू, भूरा, राजू , मुड्डू, केदार, मानसिंह, राजवीर और अन्य लोगों ने रामदास को लाठियों से बुरी तरह पीटाई की. सूचना मिलते ही नाथू सिंह, फकीर सिंह, रामवीर और संजीव घटना स्थल पर पहुंचे.आरोपियों ने उन्हें भी पीट-पीटकर बुरी तरह से घायल कर दिया. वहीं इलाज के दौरान 23 फरवरी 2014 को फकीर ने दम तोड़ दिया. 

वहीं दूसरे पक्ष की ओर से केदार सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें बताया कि प्रदीप गुर्जर ने उसके बेटे शिवराज की पिटाई कर दी थी. 14 फरवरी को सुबह प्रदीप का पिता रामदास अपने घर से जा रहा था. तभी केदार ने रामदास से कहा कि वो अपने बेटे को समझाएं कि मारपीट ना करे. इस पर रामदास ने पहले तो केदार सिंह को धमकाया फिर हमला कर दिया. जिसमें फरियादी केदार, धर्मेंद्र, मान सिंह, दाताराम, राजू, शिवराज, रघुराज, अंगद, बाबूराम को चोटें आईं थी.

एक की मौत

21 जुलाई 2014 को पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र प्रस्तुत किया था. खास बात ये कि इनमें से एक भी दोषी ऐसा नहीं, जो ट्रायल के दौरान दो माह भी जेल में बंद रहा हो. किसी को एक दिन बाद तो अधिकांश को एक से दो माह के भीतर ही जमानत मिल गई थी. केस के एक आरोपी बाबूराम की 1 नवंबर 2021 को मौत हो गई थी.

इन लोगों को आजीवन कारावास की मिली सजा

इस मामले में केदार जाटव (38), मानसिंह (45), धर्मेंद्र (34), राजवीर (36) चारों बाबूराम के बेटे अंगद (66), दाताराम (68), मुकेश (42), रामू (32), संतोष उर्फ गुड्डू (29), रूप सिंह (50), भूरा (30), संजू (30) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. 

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