
Stubble Burning Crisis in Madhya Pradesh: गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल के निर्देशानुसार एवं उप संचालक कृषि गुना के मार्गदर्शन में नरवाई जलाने की घटनाओं पर लगातार सख्ती बरती जा रही है. इसके साथ ही किसानों को नरवाई न जलाने हेतु लगातार जागरूक करते हुये नरवाई जलाने से होने वाले नुकसानों की जानकारी दी जा रही है. उप संचालक कृषि द्वारा दी गई जानकारी अनुसार जिले में नरवाई जलाना पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है. आदेश का उल्लंघन करने वाले जिले के 310 किसानों के खिलाफ 10 लाख रुपए का जुर्माना किया गया है. जुर्माना लगाने की कार्यवाही लगातार की जा रही है. प्रतिबंधातमक आदेश का उल्लंघन किये जाने पर नरवाई जलाने वाले किसानों पर एफआईआर (FIR) भी कराई जा सकती है.
सैटेलाइट मॉनिटरिंग
किसानों के खेतों में नरवाई जलाने की घटनाओं की जानकारी प्रतिदिन सैटेलाइट मॉनिटरिंग के माध्यम से कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग को प्राप्त हो जाती है, जिसके आधार पर नरवाई जलाने वाले ग्रामों में राजस्व एवं कृषि विभाग की टीमों द्वारा नरवाई जलाने के स्थान पर तत्काल पहुंचकर पंचनामा एवं प्रकरण तैयार कर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के द्वारा जुर्माने की कार्यवाही निरंतर की जा रही है. हार्वेस्टर से फसल कटाई के उपरांत स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर का उपयोग अनिवार्य किया गया है.
सैटेलाइट रिपोर्ट के अलावा यदि कोई नरवाई जलाने की सूचना प्राप्त होती है तो मौके पर संबंधित कृषि विस्तार अधिकारी को तत्काल भेजकर घटना की पुष्टि होने पर मौके पर आग लगी पाई जाती है तो आवश्यकतानुसार आग बुझाने की कार्यवाही फायर बिग्रेड को सूचित कर मौके पर तुरंत बुलाया जाता है एवं आग बुझाने का कार्य किया जाता है.
किसी कारणवश नरवाई में आग लगने की स्थिति में खेत के चारों और जुताई करें, जिससे पास के अन्य खेतो में आग न फैल सके. नरवाई प्रबंधन हेतु किसान अपने खेतों में रोटावेटर, मिट्टी पलटने वाला हल (प्लाऊ), हेरो इत्यादि से खेत की जुताई कर, फसल अवशेषो को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है एवं जैविक कार्बन की मात्रा बढ़ जाती है.
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