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GRP ने परिजनों को सौंपी अर्चना तिवारी, 13 दिनों तक हैदराबाद-जयपुर-दिल्ली और फिर नेपाल... ऐसे घूमती रही युवती

अर्चना तिवारी की गुमशुदगी का मामला अब सुलझ गया है। पुलिस ने बताया कि अर्चना ने खुद अपनी गायब होने की योजना बनाई थी, क्योंकि उसके परिवार वाले उस पर शादी के लिए दबाव डाल रहे थे, जबकि वह सिविल जज बनने की तैयारी कर रही थी और शादी नहीं करना चाहती थी.

GRP ने परिजनों को सौंपी अर्चना तिवारी, 13 दिनों तक हैदराबाद-जयपुर-दिल्ली और फिर नेपाल... ऐसे घूमती रही युवती

जीआरपी (GRP) ने अर्चना तिवारी को परिजनों को सौंप दिया है. 13 दिन से लापता अर्चना उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में भारत-नेपाल सीमा के पास मिली थी. अर्चना ने बताया कि घर वाले उसपर शादी का दबाव डाल रहे थे. इसी वजह से उसने घर छोड़कर जाने का प्लान बना लिया था. गायब रहने के दौरान उसने कई राज्यों की यात्रा की, इतना ही नहीं वह भारत का बॉर्डर पार कर नेपाल तक चली गई थी.

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इस तरह गायब हुई अर्चना

रेलवे एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि अर्चना तिवारी से गायब होने के बारे में पूछताछ की थी तो उसने लापता होने पर कहा कि परिजन उस पर शादी के लिए दबाव बना रहे थे, लेकिन वह शादी नहीं करना चाहती थी. उसने सारांश के साथ अपहरण की योजना बनाई. सारांश से उसकी दोस्ती इंदौर में हुई थी. परिजनों ने अर्चना को बताया कि उसका रिश्ता पटवारी से तय हो गया और पढ़ाई छोड़कर शादी करनी होगी. सारांश के साथ मिलकर उसने अपहरण की योजना बनाई, लेकिन बाद में इसे कैंसिल कर दिया और मिसिंग (लापता या गुमशुदगी) की साजिश रची. दोनों को लगा था कि जीआरपी लापता होने पर ज्यादा ध्यान नहीं देगी.

भागने के लिए इसलिए चुना इटारसी स्टेशन

रक्षाबंधन पर कटनी स्थित घर जाने के लिए 7-8 अगस्त की रात इंदौर-बिलासपुर-नर्मदापुरम एक्सप्रेस ली. उसने परिजनों को भी बता दिया था कि वह घर आ रही है, लेकिन उसका इरादा कुछ और ही था. जब ट्रेन इटारसी पहुंची तो वह B3 कोच से A2 कोच पहुंची, जहां से वह बाहर निकली. उसके पहले से ही तेजिंदर नाम के शख्स ने जानकारी दी थी कि यहां पर सीसीटीवी नहीं हैं. उसने अपना सामान जानबूझकर ट्रेन में ही छोड़ दिया. जब सुबह अर्चना कटनी रेलवे स्टेशन पर नहीं पहुंची तो परिजनों ने रानी कमलापति जीआरपी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई.

जंगल में फेंकने को दिया मोबाइल

उधर गायब होने से पहले अर्चना ने अपना मोबाइल भी तेजिंदर को दे दिया, जिसने जंगल में फेंक दिया. तेजिंदर ने ही अर्चना को कपड़े भी दिए थे. इसके बाद अर्चना सारांश के साथ कार से गई. इसके बाद अर्चना और सारांश पहले हैदराबाद गए और फिर नेपाल जाने की प्लानिंग की. दोनों बस के माध्यम से जोधपुर से दिल्ली होते हुए काठमांडू चली गई. हालांकि सारांश वापस इंदौर लौट आया. दोनों ने यात्रा के दौरान टोल को भी एवाइड किया और बीच में नया मोबाइल लिया. ये लोग मध्य प्रदेश नहीं छोड़ते, लेकिन मीडिया में हाइप बनने के बाद दूसरे राज्य में जाने की प्लानिंग की.

सारांश ने अर्चना से कराई बात

इसी दौरान एक फ्रॉड मामले में दिल्ली पुलिस ने तेजिंदर को हिरासत में ले लिया. इधर जीआरपी को जांच में सारांश के बारे में पता चला, जिसकी अर्चना से दोस्ती थी. उस पर तब शक हुआ, जब उसके 2-3 कॉल बहुत लंबे थे. फिर IP एड्रेस से जानकारी लेकर सारांश से पूछताछ की. सारांश को पकड़ने के बाद उसने अर्चना से बात करवाई. सारांश के जरिए काठमांडू से अर्चना को बुलाया गया.

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