
Child Marriage Case Satna : लाडली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री कन्या विवाह सहायता जैसी योजनाओं के बाद भी बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं. जिले की चित्रकूट परियोजना क्षेत्र के जैतवारा वार्ड क्रमांक 13 में चल रही बाल विवाह की तैयारियों को लाडो दल ने विफल कर दिया. फिलहाल टीम के समझाइश के बाद परिवार ने लिखित सहमति दी है कि वह अब 18 साल से पहले कोई विवाह नहीं करेंगे.
बताया जाता है कि परियोजना चित्रकूट-2 के अंतर्गत आने वाले जैतवारा नगर में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला ने अपनी नातिन का विवाह तय कर रखा था. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उमा द्विवेदी ने इस संबंध में अधिकारियों को जानकारी दी, जिसके बाद परियोजना अधिकारी रीता द्विवेदी, सुपरवाइजर रेखा कटारे मौके पर पहुंची. टीम ने सभी परिस्थितियों की जानकारी ली और समझाया कि नाबालिग के विवाह से उसको नुकसान हो सकता है, जिसके बाद बच्ची की बुजुर्ग नानी ने अपनी सहमति दी.
पिता की मौत के बाद मां छोड़कर चली गई
बताया जाता है कि 14 साल छह माह की नाबालिग अपनी नानी के साथ जैतवारा में रहती है. कुछ साल पहले उसके पिता की मौत हो गई. वहीं, मां उसे छोड़कर दूसरी जगह चली गई. तब से एकमात्र सहारा उसकी नानी ही है. नानी की उम्र बढ़ रही है, ऐसे में वह चाहती थी कि नातिन के हाथ पीले कर ससुराल भेज दे. लेकिन तभी टीम पहुंच गई.
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12 साल से सक्रिय है टीम
बाल विवाह रोकने के लिए बनाए गए कानूनों की असफलता को देखते हुए मध्य प्रदेश में लीक से हटकर एक पहल की गई है. इस अभियान को नाम दिया गया. लाडो अभियान. इस अभियान के सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं. पिछले 12 सालों से टीम लगातार बाल विवाह रोकने का काम कर रही हैं. अभियान की शुरुआत साल 2013 में की गई थी.
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