Corruption in Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के डिंडोरी (Dindori) जिले के ग्राम पंचायत नरिया से भ्रष्टाचार का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां प्राथमिक शाला शर्मापुर (Sharmapur) का स्कूल भवन जर्जर हो चुका है और इसे डिस्मेंटल करने का आदेश एसडीएम डिंडौरी ने बीते नवंबर महीने में जारी कर दिया था. लेकिन जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस आदेश को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया. अब जर्जर स्कूल भवन में लाखों रुपये खर्च कर बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया जा रहा है.
जर्जर स्कूल भवन में हैं महज 6 छात्र
शर्मापुर प्राथमिक शाला में कुल 6 छात्र है. यह स्कूल न केवल जर्जर हो चुका है, बल्कि यहां शिक्षा के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं. फिर भी, बाउंड्रीवाल के निर्माण पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. दूसरी ओर, पाखा टोला के प्राथमिक शाला में छात्रों की संख्या 25 है और यह स्कूल सड़क किनारे स्थित है, जहां बाउंड्रीवाल की अत्यधिक आवश्यकता है. लेकिन वहां बाउंड्रीवाल के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया.
एसडीएम के आदेश की अनदेखी
डिंडौरी के एसडीएम ने नवंबर 2023 में प्राथमिक शाला शर्मापुर के जर्जर भवन को डिस्मेंटल करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद, जनपद पंचायत नरिया के जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज करते हुए बाउंड्रीवाल का निर्माण जारी रखा. इस निर्णय से शिक्षा विभाग और पंचायत के कार्यों पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
ग्रामीणों ने की शिकायत बेअसर
ग्रामवासियों ने शर्मापुर प्राथमिक शाला में हो रहे इस भ्रष्टाचार की शिकायत जनपद अधिकारियों से की है. लेकिन अधिकारियों ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. शिकायतकर्ता संजय शर्मा का कहना है कि शिक्षा विभाग और पंचायत की मिलीभगत के कारण इस प्रकार से सरकारी खजाने से पैसे लुटाए जा रहे हैं.
पाखा टोला स्कूल उपेक्षित
पाखा टोला में स्थित प्राथमिक शाला, जहां 25 बच्चे पढ़ाई करते हैं और जो मुख्य सड़क के पास स्थित है. वहां बाउंड्रीवाल का निर्माण न होना ग्राम वासियों के लिए निराशाजनक है. स्कूल की हेडमास्टर दुर्गा राहंगडाले ने भी इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल की बहुत ही आवश्यकता है.
NDTV की पड़ताल
NDTV ने इस पूरे मामले की जांच करते हुए एसडीएम के आदेश की कॉपी प्राप्त की है. संवाददाता विजय तिवारी ने ग्राम पंचायत नरिया के दोनों स्कूलों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. यह रिपोर्ट शिक्षा विभाग और पंचायत के बीच के असमंजस और भ्रष्टाचार की पोल खोलती है.
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प्रशासन ने जांच के बाद कार्रवाई की कही बात
इस पूरे मामले पर डिंडोरी एसडीएम रामबाबू देवांगन ने कहा कि एसडीएम कार्यालय से जर्जर हो चुके स्कूल भवनों को डिस्मेंटल करने के आदेश जारी किए गए थे, यदि जर्जर हो चुके स्कूल भवन में बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया जा रहा है, तो इसकी जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही जब डिंडोरी के जनपद पंचायत सीईओ निखिलेश कटारे से इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि आपके जरिए मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है. मैं ग्रामपंचायत से पूरे मामले की जानकारी लेकर जांच करा लेता हूं. यदि गड़बड़ी मिलती है, तो कार्रवाई की जाएगी.
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पारदर्शिता और जवाबदेही की उठी मांग
इस पूरे मामले से स्पष्ट है कि प्रशासनिक आदेशों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के कारण शिक्षा व्यवस्था को गंभीर नुकसान हो रहा है. जरूरत इस बात की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए.