Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शहर से लेकर गांव में हर बच्चों को बाल शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को भी नि:शुल्क बुनियादी शिक्षा से जोड़ा जा सके.लेकिन उमरिया जिले आई खबर शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने वाली है.
सता रहा ये डर
उमरिया जिले में बाल शिक्षा के केंद्र प्राथमिक पाठशाला में ही स्वच्छता जैसी महत्वपूर्ण सुविधा नहीं है. इसका कारण स्कूलों का समय पर मेंटेनेंस न होना है. सालों पहले बने शौचालय यहां खंडहर होकर गिरने की कगार में पहुंच चुके हैं. बगैर पानी की व्यवस्था बारिश के सीजन में घांस-फूंस से लेकर झाड़ियों उग गई हैं, जिसकी वजह से निस्तार के लिए जाने में बच्चों को जहरीले जीव-जंतु का डर सताता है. सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर विद्यालय प्रबंधन से लेकर अभिभावक चिंता में है.
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सर्व शिक्षा अभियान के तहत बनाए गए थे शौचालय
इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक सुशील मिश्रा का कहना है कि कुछ स्कूलों में बहुत पहले यूरिनल और शौचालय का निर्माण हुआ था, वो अब खराब हो चुके हैं. कलेक्टर व कमिश्नर के निर्देश पर स्कूल खुलने के पूर्व विद्यालयों में सफाई कराने के लिए कहा गया था, जिन स्कूलों में शौचालय नहीं है, वहां हर साल नए निर्माण के लिए स्वीकृति पत्र शासन स्तर पर भेजा जाता है. वहां से अनुमति मिलने पर नए सिरे से शौचालय बनवाए जा रहे हैं.
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