Saurabh Sharma Arrested: आखिरकार लोकायुक्त पुलिस ने काली कमाई के धनकुबेर और मध्यप्रदेश RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है. सौऱभ की गिरफ्तारी उस वक्त हुई जब वो लोकायुक्त की विशेष अदालत में सरेंडर करने जा रहा था. उसे कोर्ट आते समय लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया. कुल मिलाकर ये गिरफ्तारी जितनी ज्यादा नाटकीय रही उससे ज्यादा सवाल खड़े कर दिए.
RTO का पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा बीते 40-41 दिनों से फरार था. उसे केन्द्र सरकार की तीन एजेंसियां इनकम टैक्स, DRI और ED के अलावा लोकायुक्त पुलिस ढूंढ रही थी. उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था. लेकिन सोमवार को वो अचानक भोपाल पहुंचा और कोर्ट में सरेंडर के लिए आवेदन किया. कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करने को कहा और अगले दिन पुलिस ने उसे कोर्ट पहुंचने से पहले गिरफ्तार कर लिया. अब सौरभ शर्मा सलाखों के पीछे है लेकिन कई सवाल फिजां में तैर रहे हैं...मसलन
सौरभ सलाखों के पीछे, सवाल आए बाहर?
- सोमवार को सौरभ कोर्ट आया किसी को भनक भी नहीं लगी?
- लुकआउट नोटिस के बावजूद ऐसा कैसे संभव हुआ?
- मंगलवार को किन हालातों में सौरभ को पकड़ा गया?
- क्या सौरभ जैसा चाह रहा है वैसा ही हो रहा है?
- क्या हाई प्रोफाइल कनेक्शन उसके काम आ रहा है?
- अगर सौरभ दुबई में था तो लुकआउट नोटिस के बाद भारत कैसे आया?
- अगर नहीं था तो लुकआउट नोटिस जारी क्यों हुआ?
- सौरभ ने लोकायुक्त विशेष अदालत में कोर्ट में सरेंडर क्यों किया?
अपनी मर्जी से गिरफ्तार हुआ है सौरभ शर्मा?
भ्रष्ट धनकुबेर सौरभ शर्मा की गिरफ्तार जिन परिस्थितियों में हुई वो ऐसी आशंका पैदा करती है कि सौरभ शर्मा अपनी मर्जी से गिरफ्तार हुआ है. क्योंकि अभी तक ये पता नहीं चला है कि एक महीने से अधिक समय में फरारी के दौरान वो कहां था? आखिर जांच एजेंसियों की तमाम कोशिशों के बावजूद वो पकड़ में क्यों नहीं आया?
उसके वकील का कहना है कि सौरभ शर्मा को फंसाया गया है और उसकी जान को खतरा है. खुद सौरभ ने आपने सरेंडर के आवेदन में इसकी आशंका जताई है.उधर डीजी लोकायुक्त जयदीप प्रसाद का कहना है कि सौरभ को भोपाल की एक लोकेशन से गिरफ्तार किया गया है. उसे कहां से गिरफ्तार किया गया इस संबंध में उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि इन सबके बावजूद ये जरूर कहा जा सकता है कि जांच एजेंसियों के दबाव ने सौरभ को सरेंडर करने को मजबूर किया है.
सौरभ शर्मा का केस क्या है?
RTO के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने परिवहन विभाग में अपने पद का दुरुपयोग करके जमकर अवैध कमाई की. बीते 19 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त की टीम ने उसके घर पर छापा मारा. इसी छापेमारी के दौरान उसके करीबी चेतन गौर की कार भी बरामद हुई थी. इस कार से आयकर विभाग को 11 करोड़ रुपये नकद, 52 किलोग्राम सोना और कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे. इसी के बाद से सौरभ शर्मा अपनी पत्नी दिव्या तिवारी के साथ फरार था. छापेमारी के दौरान कथित तौर पर एक लाल डायरी भी बरामद हुई थी. ऐसी चर्चा है कि इस डायरी में सौरभ शर्मा ने कई राजदारों के नाम दर्ज किए हुए हैं.
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