Akshay Kanti Bam Gets Bail: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने जमीन विवाद में एक किसान की हत्या के कथित प्रयास के 17 साल पुराने मामले में इंदौर के कारोबारी अक्षय कांति बम (Akshay Kanti Bam) और उनके पिता की अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) याचिका बुधवार को मंजूर कर ली. पिता-पुत्र को इस आदेश से बड़ी राहत मिली क्योंकि निचली अदालत (Session Court Indore) के 19 दिन पहले जारी वारंट के चलते उन पर इस मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. बम 29 अप्रैल को उस वक्त चर्चा में आए, जब उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार (Former Congress Candidate) के रूप में इंदौर लोकसभा सीट (Indore Lok Sabha Seat) से ऐन मौके पर अपना पर्चा वापस लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया. उनके इस पालाबदल से कांग्रेस (Congress) इस सीट के 72 साल के इतिहास में पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच (MP High Court Indore Bench) के जस्टिस प्रेमनारायण सिंह ने सभी संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बम (46) और उनके पिता कांतिलाल (75) को अग्रिम जमानत दे दी. बता दें कि पिता-पुत्र ने हाईकोर्ट में नौ मई को याचिका दायर करते हुए अग्रिम जमानत की गुहार की थी, लेकिन वकीलों के निवेदन के चलते इस याचिका पर 17 मई और 24 मई की दो पिछली तारीखों पर सुनवाई आगे बढ़ा दी गई थी.
सेशन कोर्ट ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट
बता दें कि इंदौर के एक सेशन कोर्ट ने बम और उनके पिता के खिलाफ 10 मई को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, लेकिन पिता-पुत्र को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी. बचाव पक्ष के वकील अजय मिश्रा ने मीडिया से कहा, "जब 2007 में किसान युनूस पटेल ने बम और उनके पिता के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, तब उन्होंने खुद पर गोलीबारी की कोई बात नहीं की थी. एफआईआर दर्ज किए जाने के 17 साल के लंबे अंतराल के बाद पटेल ने जिला अदालत में अर्जी दायर करके खुद पर गोलीबारी का आरोप लगाया. जिसके बाद अदालत ने इस एफआईआर में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ने का आदेश दिया.''
इस आधार पर मिली जमानत
वकील अजय मिश्रा ने बताया कि पिता-पुत्र की अग्रिम जमानत याचिका पर बहस के दौरान पटेल द्वारा यह आरोप लगाने में की गई देरी की ओर हाईकोर्ट का ध्यान खींचा गया. मिश्रा ने बताया, "हमने हाईकोर्ट से यह भी कहा कि बम और उनके पिता की शहर में कई चल-अचल संपत्तियां हैं और ऐसे में उनके फरार होने की कोई संभावना नहीं है.''
फर्स्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने जोड़ी थी धारा 307
बता दें कि इंदौर के एक फर्स्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (JMFC) ने बम और उनके पिता के खिलाफ जमीन विवाद को लेकर 17 साल पहले दर्ज FIR में भारतीय दंड विधान (IPC) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़े जाने का आदेश 24 अप्रैल को दिया था. जेएमएफसी ने पिता-पुत्र को सेशन कोर्ट के सामने 10 मई को पेश होने का आदेश भी दिया था. किसान यूनुस पटेल के वकील मुकेश देवल ने बताया कि बम और उनके पिता की अग्रिम जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में आपत्ति जताते हुए उनकी ओर से कहा गया कि पिता-पुत्र ने जेएमएफसी के आदेश के बावजूद सेशन कोर्ट के सामने 10 मई को हाजिर होना मुनासिब नहीं समझा, जिसके बाद दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया.
12 बोर की बंदूक से गोली भी दागने का आरोप
वकील मुकेश देवल ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी अक्षय कांति बम को 10 मई को प्रदेश सरकार के एक मंत्री का कथित तौर पर जन्मदिन मनाते देखा गया. पुलिस ने बताया कि बम, उनके पिता कांतिलाल और अन्य लोगों के खिलाफ पटेल पर चार अक्टूबर 2007 को जमीन विवाद में हमले के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी. पटेल का आरोप है कि हमले के दौरान एक सुरक्षा एजेंसी के संचालक सतवीर सिंह ने अक्षय के पिता कांतिलाल के कहने पर उन पर 12 बोर की बंदूक से गोली भी दागी थी. गोलीबारी के आरोपी सतवीर सिंह की मृत्यु हो चुकी है.
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