Forest Mafia in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के विदिशा में नेशनल हाइवे 752 बी पर आगे ट्रैक्टर भाग रहा था और पीछे-पीछे कानून का काफिला देख कर हर कोई हैरान था. यह किसी फिल्म की शूटिंग जैसा नजारा था लेकिन यह रील नहीं रियल लाइफ का नजारा था. दरअसल वन अमले (Forest Department Force) का सामना वन अपराध (Forest Crime) कर रहे आरोपियों से हो गया था. सूचना के आधार पर वन अमला विदिशा के कोलुआ पठार के जंगल में पहुंचा. वहां पर ट्रैक्टर द्वारा जंगल की जमीन को खेती के लिए तैयार किया जा रहा था. वन अमले द्वारा ट्रैक्टर को रोककर पूछताछ की गई इस दौरान एक व्यक्ति मोटरसाइकिल से आया और वन अमले से स्टाफ से विवाद करने लगा. इसी बीच ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर को चालू कर महावन के जंगलों से होता हुआ सिरोंज रोड पर भगाकर ले गया.
इसके बाद क्या हुआ?
इसके बाद वन विभाग के स्टाफ द्वारा तत्काल वरिष्ठ अधिकारी को सूचना दी गई. सूचना मिलते ही लटेरी-सिरोंज रास्ते पर सशस्त्र बल के साथ पुलिस दल (Police Team) बनाकर तत्काल रवाना किया गया. गंभीर स्थिति को देखते हुए पुलिस बल (Police Force) के सहयोग से थाना मुरवास को सूचना देने के साथ ही पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग की गई. ट्रैक्टर चालक द्वारा इसी बीच हाईवे से रास्ता बदलकर काछीखेड़ा से पगरानी रोड पर ट्रैक्टर को मोड कर भागने लगा.
लटेरी के रेंजर मुकेश के अनुसार इस कार्यवाही के दौरान एक ट्रैक्टर एक बोलेरो जीप एक मोटरसाइकिल सागौन की लकड़ियों सहित तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया है. जिनमे सुनील पुत्र शेरसिंह यादव, संजीव पुत्र बहादुर यादव, शेरसिंह पुत्र कमरलाल यादव निवासी भीलाखेड़ी को हिरासत में लिया गया है. लटेरी के जंगलों में इससे पहले भी वन विभाग अमले पर जान लेवा हमला हो चुका है. लटेरी के जंगल में वन विभाग का जंगल माफियों से सामना होना आम बात है. जिले विदिशा में लटेरी का बड़ा जंगल है. जहां से भू माफिया जंगल को खत्म कर खेती के लिए जमीन तो तेयार करते ही हैं, साथ में अन्य जिलों को सागौन की लकड़ी बड़ी मात्रा में तस्करी भी की जाती है.
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