Bhopal News: ''पीपी सिंह ने हमेशा सरोकारों और सकारात्मक मूल्यों पर आधारित जीवन जिया और उनके विद्यार्थी तथा उनसे जुड़े अन्य लोग यदि उन सरोकारों का एक हिस्सा भी अपने जीवन में उतार पाये तो यह उनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी." यह बात वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक गिरिजा शंकर (Girija Shankar) ने पीपी सिंह (PP Singh) की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें याद करते हुए कही. प्रख्यात मीडिया शिक्षक स्वर्गीय पुष्पेंद्र पाल सिंह (Pushpendra Pal Singh) की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार की शाम भोपाल स्थित हिंदी भवन में बड़ी संख्या में उनके विद्यार्थी, परिजन और उनसे जुड़ाव रखने वाले शहर के तमाम गणमान्य लोग एकत्रित हुए.
रंगारंग कार्यक्रम का हुआ आयोजन
पीपी सिंह की पहली पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत सुप्रसिद्ध साया बैंड की प्रस्तुति से हुई. बैंड ने अपनी मधुर मनमोहक प्रस्तुति में दुष्यंत कुमार की गजलों, माखनलाल चतुर्वेदी, भवानी प्रसाद मिश्र, कबीर और मीरा सहित अनेक जाने-माने रचनाकारों की रचनाओं को पिरोया. उनके द्वारा पेश की गई—साये में धूप, पुष्प की अभिलाषा, सतपुड़ा के घने जंगल समेत अनेक प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.
'एआई का खतरा बढ़ रहा'
वरिष्ठ पत्रकार संदीप पुरोहित ने एआई के दौर में पत्रकारिता की चुनौतियां विषय पर अपने व्याख्यान में कहा, "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का खतरा नया नहीं है लेकिन, हाल के समय में यह बढ़ गया है. इसमें बहुत विविधता आयी है." उन्होंने कहा कि ' 1950 के दशक से एआई हमारे बीच बना हुआ है. सोशल मीडिया के आगमन ने पाठकों के पास सूचना के अनेक तात्कालिक माध्यम पहुंचा दिए हैं.'
विद्यार्थियों ने फिल्म के जरिए किया अपने अनुभवों को याद
कार्यक्रम के दौरान पीपी सिंह के विद्यार्थियों के वक्तव्यों पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रसारण भी किया गया, जिसमें उनके विद्यार्थियों ने अपने अनुभवों को याद करके बताया कि किस तरह पीपी सिंह के सानिध्य, उनकी सलाह और उनकी उपस्थिति ने उनके जीवन में निर्णायक परिवर्तन लाए. छात्र—छात्राओं ने बताया कि कैसे सिंह उनके निजी जीवन से लेकर पेशेवर जीवन तक हर मुश्किल वक्त में उनके साथ खड़े रहते थे.
'कभी किसी का भरोसा नहीं तोड़ा'
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक गिरिजा शंकर ने पीपी सिंह के साथ अपने रिश्तों को याद करते हुए कहा, "एक वर्ष बीत गए लेकिन लगता नहीं है कि पीपी सिंह हमारे बीच नहीं हैं. हममें से किसी ने कभी उन्हें तनाव में नहीं देखा. वह रात—रात भर और कई बार सुबह तक काम किया करते थे. उन्हें जीवन में अनुकूल माहौल बहुत कम मिला लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी किसी का भरोसा नहीं तोड़ा. उनके बिना न केवल भोपाल बल्कि पूरे देश के सार्वजनिक जीवन में रिक्तता आई है.'
रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन
पीपी सिंह के पुण्यतिथि कार्यक्रम आयोजन के समांतर ही भोपाल मेमोरियल अस्पताल और अनुसंधान केन्द्र के सहयोग से रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया. यहां उनके परिजन और विद्यार्थियों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया. कार्यक्रम के दौरान सिंह के अनेक विद्यार्थियों ने उनसे जुड़ी अनेक यादों को आपस में साझा किया.
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