मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में गुरुवार को एक अजीव घटना घटी, जब एक किसान अपनी जिंदगी से परेशान होकर जिला कलेक्ट्रेट के मुख्य दरवाजे पर गमछा से फंदा डालकर आत्महत्या करने बाला था. तभी वहां मौजूद होमगार्ड ने उसको रोकने का प्रयास किया, मगर जब वह नहीं माना तो फिर देहात पुलिस को बुलाना पड़ा. फिर पुलिस ने उस बुजुर्ग किसान को आत्महत्या करने से रोका.
टीकमगढ़ जिले के दिगोड़ा तहसील के कुरराई गांव के छत्ता अहिरवार के पास अपना और परिवार के भरणपोषण के लिए 2 एकड़ जमीन थी, जिसे 2 साल पहले यूपी के मऊरानीपुर निवासी कृपेंद्र सिंह और वंदना सिंह ने धोखे से अपने नाम करवा लिया.
कलेक्ट्रेट पर जाकर लगाई फांसी
जब इसका बारे में पता चला तो ध्यान आया कि उसकी दोनों लोग किसान को पेंशन दिलाने के नाम गांव से ले गए थे. फिर धोखे जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली. फिर किसान ने आपत्ति लगाई तो उसका कोई हल नहीं निकला. इससे तंग आकर पीड़ित किसान ने कलेक्ट्रेट पहुंच फांसी लगाने का प्रयास किया.
किसान ने रोते हुए सुनाई व्यथा
उसने धमकी दी कि अगर जमीन उसके नाम नहीं की गई तो उसका परिवार एक-एक कर फांसी लगा लेगा. इस दौरान कलेक्ट्रेट पर अन्य किसान भी मौजूद थे. किसान ने रोते-रोते हुए कहा कि उसकी जमीन धोखे से हड़प ली गई है. अब वह सड़क पर आ गया है. 2 साल से अपनी जमीन वापस करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट-काटकर थक चुका और कोई सुन नहीं रहा है.
अपर कलेक्ट्रेट ने दिया आश्वासन
वहीं, अपर कलेक्टर शिवप्रसाद ने कहा कि किसान ने कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर आत्ममहत्या करने का प्रयास किया था, जिसे पुलिस और हमारे कर्मचारियों ने रोक लिया. इस मामले की जांच की जा रही हैं कि किसान की जमीन किसने खरीदी और रजिस्ट्री का मामला क्या हैं.