
मध्य प्रदेश के नीमच ज़िले के एक बुजुर्ग किसान जगदीश दास बैरागी को अपनी जमीन के मामले में प्रशासन से मदद मांगना महंगा पड़ गया. किसान जनसुनवाई में खेत के सीमांकन और बांटवारे की मांग लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे. वहां SDM से बात करते वक्त किसान की आवाज ऊंची हो गई. इस पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और थाने ले गई. घटना ज़िले के जिले के अडमालिया गांव की है. किसान ने बताया कि उसे बिना खाना-पानी के थाने में 6 घंटे तक बैठाया गया और शाम को छोड़ा गया. यह खबर मीडिया में आई तो मामला चर्चा में आ गया. इसके बाद कलेक्टर ने खुद किसान को बुलाया और उसकी बात सुनी.
कलेक्टर ने दिए त्वरित कार्रवाई के आदेश
किसान की शिकायत सुनने के बाद कलेक्टर ने तुरंत राजस्व अधिकारियों को आदेश दिए कि किसान की जमीन का विवाद जल्दी सुलझाया जाए. इसके बाद गुरुवार को तहसीलदार संजय मालवीय और राजस्व विभाग की टीम अडमालिया गांव में किसान के खेत पर पहुंची.
फसल के कारण काम रुका
टीम ने दोनों पक्षों को खेत पर बुलाया और बातचीत की. लेकिन खेत में गेहूं की फसल खड़ी होने के कारण सीमांकन और बांटवारा नहीं हो सका. अधिकारियों ने किसान से कहा कि 15 दिन बाद जब फसल कट जाएगी, तब जाकर सीमांकन कर दिया जाएगा.
क्या बोला किसान ?
किसान जगदीश बैरागी ने कहा कि बुधवार को कलेक्टर साहब ने मुझे बुलाया था और मेरी बात सुनी. आज गांव में अधिकारी आए और काम शुरू किया. मैं संतुष्ट हूं. कलेक्टर साहब का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने मेरी आवाज सुनी.
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प्रशासन की ओर से बयान
कलेक्टर हिमांशु चन्द्रा ने कहा कि किसान का मामला सुलझाने के लिए आज टीम गांव भेजी गई थी. फसल के कारण काम पूरा नहीं हो पाया, लेकिन 15 दिन बाद काम कर दिया जाएगा. दोनों पक्षों से बात हो गई है और वे संतुष्ट हैं. इस तरह किसान की परेशानी का हल प्रशासन ने निकालने की कोशिश की है और भरोसा दिलाया है कि उसे जल्द ही न्याय मिलेगा.
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