
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से एक बार फिर ऐसा मामला सामने आया है, जिसने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. सिरोंज तहसील के राजीव गांधी अस्पताल में एक 15 वर्षीय नाबालिग की मौत के बाद परिजन उसके शव को मोटरसाइकिल से गांव तक लेकर गए और उस समय बारिश भी हो रही थी
ना समय पर एंबुलेंस मिली और ना शव वाहन
आकाश अहिरवार को पेट दर्द की शिकायत के बाद परिजन सिरोंज के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे थे. इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे भोपाल रेफर कर दिया, लेकिन एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकी. समय पर इलाज न मिलने से अस्पताल में ही उसकी मौत हो गई.
परिजनों ने बताया कि उन्होंने अस्पताल प्रशासन से कई बार शव वाहन देने की गुहार लगाई, लेकिन साफ मना कर दिया गया. आख़िर में उन्हें अपने बेटे के शव को एक दोपहिया वाहन पर रखकर गांव ले जाना पड़ा.
अधिकारियों की सफाई या संवेदना, दोनों ही नदारद
घटना सामने आने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है. न तो एंबुलेंस व्यवस्था पर कोई सफाई दी गई और न ही शव वाहन की अनुपलब्धता पर कोई जिम्मेदारी ली गई.
जिला स्वास्थ अधिकारी का गैर जिम्मेदाराना बयान
जिला स्वास्थ्य अधिकारी रामहित कुमार से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि मृतक को शव वाहन खुद करना पड़ता है. परिजनों ने नगर पालिका को सूचना नहीं दी होगी.