
Dhar News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार जिले से राज्य के स्वास्थ्य विभाग (Health Department) पर प्रश्न खड़े करने वाला मामला सामने आया है. 22 वर्षीय युवक की झोलाछाप डॉक्टर (Fake Doctor) के इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से मृतक युवक के शव को पोस्टमार्टम रूम में चूहे ने कतर दिया. बदनावर क्षेत्र के एक वीरा रोड पर संचालित देवदास दुबे के क्लिनिक पर बुखार से पीड़ित हरिओम नायक 22 वर्ष निवासी इटावा, उत्तर प्रदेश से इलाज कराने गया. जहां झोलाछाप डॉक्टर ने युवक को इलाज के दौरान ड्रिप लगाई. ड्रीप लगाने के कुछ देर बाद ही युवक की मौत हो गई थी.
डॉक्टर के पास नहीं कोई डिग्री
जानकारी के अनुसार, झोलाछाप डॉक्टर देवदास दुबे के पास इलाज करने की कोई प्रमाणित डिग्री नहीं है. इसके बाद भी वह बेखौफ होकर खुलेआम अपना क्लीनिक चला रहा है. जिसने गरीब परिवार के इकलौते चिराग को छीन लिया. मृतक युवक इटावा उत्तर प्रदेश का रहने वाला था और बदनावर में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था.
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सरकार के आदेश पर उठ रहे सवाल
घटना के बाद मृतक के शव को पोस्टमार्टम रूम में रखा गया था, जहां शव को चूहों ने कुतर दिया. इससे स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का खुलासा हो रहा है. घटना ने प्रदेश की डॉ. मोहन यादव की सरकार के आदेश पर सवाल खड़े किए है. क्योंकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जनता के जीवन से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई करें. लेकिन, धार जिले के बदनावर में घटी इस घटना ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी को सवाल के घेरे में लाया है.
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