Jabalpur Raid News: जबलपुर विकास प्राधिकरण (JDA) की ओर से अधिग्रहित जमीन (Land Acquisition) को फर्जी दस्तावेज के जरिए बेचकर राज्य शासन को दो करोड़ 40 लाख रुपये की चपत लगाने के मामले में जेडीए के सीईओ दीपक वैद्य (Deepak Vaidya) समेत छह लोगों के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने एफआईआर दर्ज कर ली है. आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत धोखाधड़ी और फिर फर्जी दस्तावेज बनाने समेत अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है. आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर 25 लाख रुपये की स्टाम्प ड्यूटी का भी नुकसान पहुंचाया था. आरोपियों में दीपक वैद्य के अलावा गढ़ा मानस स्कूल के पास रहने वाली विद्या बाई प्यासी और उनके बेटे हरीश प्यासी, सौरभ प्यासी, प्रवीण प्यासी और आशीष प्यासी शामिल हैं.
ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि जेडीए ने कछपुरा में योजना क्रमांक- छह और 41 की कुछ जमीन अधिग्रहित की थी. इसके एवज में जेडीए ने परिवार को मुआवजा भी दिया था, पर खसरा और अन्य दस्तावेजों में जेडीए का नाम नहीं चढ़वाया गया. इसकी जानकारी मुआवजा पाने वाले परिवार को लग गई. इस दौरान विद्या बाई और उनके बेटों ने जेडीए अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन अन्य लोगों को भी बेच दी.
ये भी पढ़ें- MP BY Polls 2024: बुधनी विधानसभा उपचुनाव हुआ रोचक, इस बागी नेता ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किल
ईओडब्ल्यू के एसपी आरडी भारद्वाज ने बताया कि शासन को ढाई करोड़ रुपये की क्षति पहुंचाने के मामले में जेडीए सीईओ दीपक वैद्य, विद्या बाई और उनके बेटों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. मामले की जांच जारी है. जांच में मिलने वाले सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि फिलहाल, ईओडब्ल्यू इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है, ताकि इस धोखाधड़ी में शामिल सभी व्यक्तियों की पूरी भूमिका स्पष्ट हो सके और उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़े.
ये भी पढ़ें- NDTV World Summit: भारत के 10 साल के काम पर हुई चर्चा, पीएम मोदी ने कहा-जो सपने देखे हैं, उसमें न चैन है न रात