Satna Medical College Poor Condition: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना (Satna) का मेडिकल कॉलेज (Medical College Satna) बदहाली से परेशान है. यहां आए दिन कोई न कोई विवाद बना ही रहता है. बीते दिनों यहां के डॉक्टरों ने वेतन को लेकर विरोध (Protest For Salary) किया था जिसके बाद डॉक्टरों को उनकी सैलरी मिली थी. वहीं अब एक बार फिर सैलरी को लेकर यहां विवाद खड़ा हो गया है. बताया जाता है कि यहां बिना हड़ताल कर्मचारियों (Employees Protest) को वेतन नहीं मिलती. यही कारण है कि यहां पदस्थ कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से हड़ताल करनी पड़ रही है.
तीन महीने में तीसरी बार वेतन के लिए हड़ताल
पिछले तीन महीनों के अंदर यह तीसरा मौका है जब मेडिकल कॉलेज में सेवाएं देने वाले स्टाफ ने वेतन नहीं मिलने के कारण हड़ताल करते हुए काम बंद किया है. सबसे पहले मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉक्टर ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया और इसी पट्टी को लगाकर मरीजों का इलाज किया. तब कहीं जाकर उन्हें पांच माह बाद वेतन का भुगतान हुआ. वहीं पिछले महीने आउटसोर्स एजेंसी के पैरामेडिकल सपोर्ट स्टाफ ने हड़ताल की तब उनका वेतन रिलीज हुआ.
वहीं अब आउटसोर्स के ऑपरेटर, प्यून और माली ने वेतन को लेकर हड़ताल शुरू की है. फिलहाल उन्हें शुक्रवार शाम तक वेतन देने का भरोसा दिया गया है. हालांकि अभी तक वे काम पर नहीं लौटे हैं और न ही कर्मचारियों को उनका वेतन मिला है.
डॉक्टरों ने की थी हड़ताल की शुरुआत
बता दें कि सतना मेडिकल कॉलेज में पदस्थ चिकित्सकों ने नए साल की शुरुआत में ही विरोध प्रदर्शन किया था. उन्होंने 3 जनवरी को सांकेतिक हड़ताल करते हुए अपने वेतन की मांग की थी. डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. जिसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने वेतन का प्रस्ताव भेजा. बताया जाता है कि डॉक्टरों को मेडिकल कॉलेज ज्वाइन करने के करीब छह महीने बाद वेतन मिला था.
आउटसोर्स कर्मचारियों ने भी किया था प्रदर्शन
डॉक्टरों की वेतन की मांग को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों ने भी बीते 17 फरवरी को गेट नंबर तीन में विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद आउटसोर्स एजेंसी यूडीएस की ओर से उनके वेतन का भुगतान किया गया. इन्हें भी छह महीने बाद ही वेतन मिल सका था. वहीं शुक्रवार को अब दूसरे आउटसोर्स स्टॉफ ने गेट नंबर एक में विरोध प्रदर्शन किया है.
होली के कारण स्टाफ परेशान
मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पिछले सात महीने से वेतन नहीं मिला है. होली का त्योहार नजदीक है. उनके पास इतने भी पैसे नहीं बचे कि वे अपने परिवार को होली में कपड़े और रंग दिला सकें. वहीं कंपनी के द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. मेडिकल कॉलेज स्टाफ को वेतन नहीं मिलने के मामले में जब डीन डॉ एसपी गर्ग से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष के बीच में कॉलेज शुरू हुआ. ऐसे में कुछ जरूरी औपचारिकताएं करनी पड़ती हैं. इसी के कारण कुछ वक्त लग जाता है.
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के काम बंद करने के बाद आउटसोर्स एजेंसी यूडीएस से बात की गई है. कॉलेज की ओर से पैसा एक सप्ताह पहले भेजा जा चुका है. बैंकिंग औपचारिकता पूरी करने के बाद शाम तक वेतन उनके खातों में पहुंचने की उम्मीद है.
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