
MP News in Hindi : बिजली वितरण कंपनी के अफसर और कर्मचारी वसूली के नाम पर खुलेआम दादागिरी पर उतारू हैं. वह बिजली उपभोक्ताओं के साथ मनमाना बर्ताव कर रहे हैं. ऐसे में किसान परेशान हैं. वसूली के नाम पर बिजली कंपनी के अफसर ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के घुसकर सामान उठाकर ले जा रहे हैं. सीहोर तहसील के ग्राम कचनारिया में कंपनी के अफसरों की दादागिरी का ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां बिजली बिल जमा होने के बाद भी विजिलेंस टीम घर में जबरन घुसकर एक किसान की बाइक उठा ले गई. अब किसान दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है.
गाड़ी लौटाने से साफ मना कर दिया
जबकि पीड़ित किसान का कहना है कि उसका खेत और घरेलू बिल पूरा जमा है. किसान जब अपनी गाड़ी वापस लेने बिजली कार्यालय गया था, उसे पहले तो गाड़ी लौटाने से साफ मना कर दिया. उसके साथ अभद्रता भी की गई. सीहोर तहसील के ग्राम कचनारिया के रहने वाले किसान गौर का आरोप है कि श्यामपुर सब स्टेशन के जूनियर इंजीनियर अभिषेक दांगी अन्य कर्मचारियों के साथ उसके घर पर आए और जबरन उसकी बाइक उठा ले गए, इस दौरान वह घर नहीं थे, उनकी छोटी बहन से पंचनामे पर हस्ताक्षर भी करा लिए गए.
कर्मचारियों ने कहा चाचा का बिल बकाया है
किसान शुभम गौर ने बताया कि बिजली अफसरों का कहना है कि उनके चाचा शिवजी गौर का बिजली बिल बकाया है, इसलिए वह घर से गाड़ी उठाकर लाए हैं, बिल जमा कर दो और गाड़ी ले जाओ. शुभम का कहना है कि उनके चाचा का अलग घर है, खेत भी अलग है.
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किसान ने सीएम से की मदद की अपील
सब कुछ अलग है, दोनों के बिजली कनेक्शन भी अलग है. यह सब जानकारी उन्होंने बिजली कंपनी के अफसरों को दे दी. लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है. बताया कि उसके चाचा ने बिल जमा नहीं किया, तो उसकी क्या गलती है. बताया कि वह बिजली कंपनी के बड़े अफसरों के पास भी गए थे. लेकिन उसकी बात कोई सुनने को तैयार ही नहीं है. किसान ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर सीएम मोहन यादव ने न्याय की गुहार लगाई है. इस संबंध ने जूनियर इंजीनियर अभिषेक दांगी का कहना है कि मेरी शुभम से बात हो गई है, सेटलमेंट कर लेंगे.
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