MP News in Hindi : एक तरफ सरकार जहां गांव-गांव स्कूल खोलकर सभी को शिक्षित करने का दावा करती है, लेकिन दूसरी तरफ इन दावों की पोल कभी न खुलने वाले तालों से ही खुल जाती है. प्रदेश में शायद शिक्षा के नाम पर केवल मजाक हो रहा है. यहां ऐसे तमाम स्कूल हैं, जहां टीचर नहीं हैं और छात्रों की संख्या भरपूर है. मगर, कई ऐसे भी स्कूल जहां छात्रों की संख्या कम और टीचर भरपूर तैनात किए गए हैं... लेकिन इसके बाद भी स्कूलों का ताला नहीं खुलता.
कब तक बनेगा स्कूल ?
ऐसा ही एक मामला सतना जिले से सामने आया है. यहां के नागौद के शिवराजपुर में प्राथमिक विद्यालय खुटकहा है. जहां पर छात्रों की संख्या 15 और 2 टीचर तैनात हैं, लेकिन स्कूल का ताला नवीन शिक्षण सत्र में खुला ही नहीं. मिली जानकारी के मुताबिक, स्कूल भवन बना हुआ है. बच्चों की पेयजल के लिए बोरिंग भी पिछले काफी समय पहले कराई गई है.... लेकिन ईमारत का किचन शेड भी निर्माणाधीन है.
प्रशासन के वादों की हकीकत
सरकारी रिकार्ड के अनुसार, ललित शर्मा और सुरेश प्रजापति नाम के दो शिक्षकों की पोस्टिंग है. चूंकि सरकारी नियम यह कहता है कि प्राथमिक स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ किए जा सकते हैं. ऐसे में औपचारिकता के लिए दोनों की पोस्टिंग है. वहीं, एक शिक्षक शैक्षणिक कार्य से अलग जगह पर बाबूगिरी का काम कर रहे हैं. ऐसे में दूसरा शिक्षक भी स्कूल जाना उचित नहीं मानता.
मॉनीटरिंग पर उठे सवाल
नए शिक्षण सत्र की शुरुआत बीते 18 जून से हो चुकी है. कथिततौर पर सभी स्कूलों में प्रवेशोत्सव भी मनाया जा चुका है. लेकिन खुटकहा विद्यालय में जंग लगा ताला इस बात पर सवाल है कि यहां भी प्रवेशोत्सव हुआ होगा? बहरहाल स्कूलों की मॉनीटरिंग का जिम्मा तमाम अधिकारियों के पास है... मगर उन्होंने क्या विद्यालय की जांच की ? यह भी अहम सवाल है.
क्या बोले जिम्मेदार ?
स्कूल में ताला बंद रहने को लेकर जब संकुल शिवराजपुर के प्राचार्य केपी त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से इस बारे में जानकारी मिली है तो जांच कर जरूर कार्रवाई की जाएगी.
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वहीं, जब BRC संपत श्रीवास्तव से फोन पर बात हुई तो उन्होंने यह स्वीकार किया कि उन्होंने अभी तक कोई निरीक्षण नहीं किया. उन्होंने कहा कि सीधी जिले में जनशिक्षकों प्रशिक्षण की ट्रेनिंग चल रही हैं. ऐसे में उनके आने के बाद जानकारी दे सकता हूं.
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