
Bhopal ED Action: मध्य प्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय की भोपाल ज़ोनल टीम ने एक बड़े बैंक घोटाले की जांच में छापेमारी की है. ये कार्रवाई Advantage Overseas Pvt. Ltd. (AOPL) नाम की कंपनी के खिलाफ की गई है, जो 1266 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में जांच के घेरे में है. इस केस में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत सर्च ऑपरेशन चलाया और इस दौरान बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं. जांच में सामने आया कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों और फर्जी नामधारी लोगों (बेनामीदारों) के नाम पर कई कंपनियां खोल रखी थीं, जिनकी मदद से गैरकानूनी तरीके से पैसे का हेरफेर किया गया.
सीबीआई की एफआईआर के आधार पर एक्शन
जांच की शुरुआत CBI की एक FIR के आधार पर हुई थी, जो कि CBI की BSFC शाखा, नई दिल्ली ने दर्ज की थी. इसमें Advantage Overseas और उसके डायरेक्टर्स के अलावा कुछ अज्ञात सरकारी अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश, फर्जीवाड़ा और सरकारी बैंकों को नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे. ED की जांच में ये भी सामने आया कि AOPL ने पहले अपने टर्नओवर को 100 गुना अधिक दिखाया, जिससे बैंकों से ज्यादा पैसा लिया जा सके. इसके बाद फर्जी लेन-देन और बिना किसी गारंटी के लोन के जरिए बैंक का पैसा खुद और अपनी सहयोगी कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया. पूरे नेटवर्क में 73 फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया गया.
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बैंकों ने दायर किया था केस
इतना ही नहीं, जब पूरा पैसा ठिकाने लगा दिया गया, तब कंपनी ने खुद को NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) घोषित कर दिया. इसके बाद SBI को NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल) में केस दायर करना पड़ा. ईडी की रेड में मिले दस्तावेजों से पता चला है कि कंपनी के डायरेक्टर्स और उनके सहयोगियों ने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी भारी संख्या में चल-अचल संपत्तियां बनाई हैं. अभी तक जो संपत्तियां ईडी ने पहचानी हैं, उनकी अनुमानित कीमत 300 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है. ईडी ने कहा है कि मामले की आगे की जांच जारी है और जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं.
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