E-Portals are Closed in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते 21 दिसंबर से नगर निगम (Municipal Corporation) का कार्य ठप पड़ा हुआ है. जिसके चलते जनता को तमाम तरह की दिक्कतें आ रही हैं, वहीं इसका असर सरकारी राजस्व (Revenue) में भी देखने को मिल रहा है. नगर निगम का पोर्टल बंद (Portal Closed) होने से लोगों को जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र से लेकर टैक्स भरने तक में परेशानी हो रही है. वहीं तमाम नगर पालिकाओं के ठेकेदार भी अपने बिल को लेकर परेशान हैं. इसके साथ ही बिल्डिंग परमिशन का कार्य भी ठप पड़ा हुआ है.
नगर निगम के दफ्तरों में सन्नाटा
बता दें कि मध्य प्रदेश के ई पोर्टल पर बीते 21 दिसंबर को साइबर अटैक हुआ था. जिसके बाद प्रदेश के तमाम नगर निगम, नगर पालिका निगम और अन्य निकायों के ऑनलाइन कार्य ठप पड़े हुए हैं. जिसके चलते प्रदेश की जनता को तमाम तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. आम तौर पर नगर निगम के दफ्तर में लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिलती है. मगर पोर्टल बंद होने से दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहता है.
इंदौर में भारी राजस्व नुकसान
बता दें कि इंदौर नगर निगम प्रदेश का सबसे बड़ा नगर निगम है. इंदौर में दिसंबर महीने में 100 करोड़ राजस्व वसूली का टारगेट रखा गया था, लेकिन ई पोर्टल का काम बंद होने से सिर्फ 66 करोड़ की कर वसूली ही हो पाई है. यहां करीब 30 करोड़ रुपये से ज्यादा राजस्व में देरी देखने को मिली है. इसके साथ ही काम न होने के चलते इंदौर के लोगों को भारी समस्याएं उठानी पड़ रही हैं.
लोगों को हो रही परेशानी
इंदौर के रहने वाले वीरेंद्र सिंह अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 25 किलोमीटर दूर से नगर निगम के दफ्तर पहुंचे. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मैं बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने आया था, लेकिन कर्मचारियों ने कहा कि ऑनलाइन काम नहीं चल रहा है. उन्होंने बताया कि उनका फॉर्म रख लिया गया है और कर्मचारियों ने कहा कि 10 से 15 दिन में काम होगा. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि अगर पोर्टल चालू होता तो उनका काम 1 ही दिन में हो जाता, उन्हें 25 किमी दूर से दोबारा नहीं आना पड़ता.
वहीं नगर निगम के राजस्व विभाग में संपत्ति कर भरने पहुंचे धर्मेंद्र यादव ने कहा कि उन्हें पिछले 20 दिन से एक ही जवाब मिल रहा है 'काम हो जाएगा.' लेकिन उनका काम कब होगा ये पता नहीं है. धर्मेंद्र यादव ने कहा कि मैं यहां संपत्ति कर भरने आया था, इस काम के लिए दो से तीन बार पहले भी आ चुका हूं. मुझे कहा गया कि 20 दिन से पोर्टल बंद हो गया है. आगे क्या होगा पता नहीं है. मुझे 15 से 20 दिन हो गए हर बार आता हूं तो यही जवाब मिलता है.
ये भी पढ़ें - शर्मनाक ! 'छेड़छाड़' में मध्यप्रदेश सबसे आगे, पूरे देश में इंदौर का नंबर छठा
ये भी पढ़ें - CM साहब ! क्या ये है करप्शन पर 'जीरो टॉलरेंस'? भ्रष्टाचार के आरोपी बने OSD