
Medical Student Ragging: रतलाम मेडिकल कॉलेज (Ratlam Medical College) में एक बार फिर रैगिंग का घिनौना चेहरा सामने आया है. ताजा मामला एक फर्स्ट ईयर छात्र के बाल काटने से जुड़ा है, जिसे कथित रूप से सेकेंड ईयर के दो छात्रों ने नशे की हालत में अंजाम दिया. घटना ने कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था, प्रशासनिक निगरानी और एंटी रैगिंग नियमों की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है.
नशे में जूनियर हॉस्टल में घुसे सीनियर्स, काटे बाल
जानकारी के अनुसार, दो सीनियर छात्र नशे की हालत में जूनियर हॉस्टल पहुंचे और एक छात्र को टारगेट बनाकर उसके बाल काट दिए. घटना के बाद कॉलेज परिसर में हड़कंप मच गया. बड़ा सवाल यह है कि नशे में धुत छात्र आखिर हॉस्टल तक कैसे पहुंचे? वहां की सुरक्षा व्यवस्था और प्रवेश निगरानी आखिर थी कहां?
कॉलेज की डीन डॉ. अनीता मुथा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि जांच में दोषी पाए गए एक छात्र को एक वर्ष के लिए अकादमिक गतिविधियों और परीक्षाओं से निलंबित कर दिया है, जबकि दूसरे छात्र पर छह माह का प्रतिबंध लगाया गया है. दोनों छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित भी कर दिया गया है.
कई सवाल अब भी कायम
- क्या इतनी सजा काफी है?
- पहले भी थप्पड़ कांड हुआ था, तब सख्ती क्यों नहीं बरती गई?
- कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी क्या सिर्फ औपचारिकता है?
- हर बार घटना के बाद ही प्रशासन क्यों जागता है?
घटना के बाद मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता में डर का माहौल है. उनका कहना है कि अगर आज किसी और के बच्चे के साथ ऐसा हुआ है तो कल उनके बच्चे भी ऐसे कृत्यों का शिकार हो सकते हैं. ऐसे में कॉलेज प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह घटनाएं रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम करे, न कि केवल दिखावटी कार्रवाई करके मामले को रफा-दफा कर दे.