विज्ञापन

कहां है आपकी 108 एंबुलेंस? कॉल करने से पहले पढ़ लें ये खबर; बच सकती है जान

Rajgarh News: राजगढ़ जिले में चालक एंबुलेंस को नेवज नदी पर ले जाता है और घंटों उसे वहीं पर धोता रहता है. अपनी ड्यूटी करने की वजाय चालक नदी पर ही समय बिताता है.

कहां है आपकी 108 एंबुलेंस? कॉल करने से पहले पढ़ लें ये खबर; बच सकती है जान
नदी पर ले जाकर एंबुलेंस धोता है चालक।

Rajgarh News: राजगढ़ जिले में नेवज नदी पर एक एंबुलेंस के फंसे होने का मामला सामने आया है. 108 एंबुलेंस को ट्रैक्टर से बाहर निकाला गया है. जानकारी के मुताबिक चालक एंबुलेंस को नदी पर कई घंटों तक धोते रहता है. जब इमरजेंसी की कॉल जाती है तो कॉल सेंटर पर मौजूद लोग बहाने बना देते हैं. राजगढ़ के छोटे नेवज पुल की घटना बताई जा रही है. 108 एंबुलेंस जय अंबे छत्तीसगढ कंपनी की है.

बहाना बनाते हैं कर्मचारी

एंबुलेंस में तैनात चालक मरीजों को न लाकर उसे नदी में धोने के लिए ले जाता है. जब कोई कॉल करता है तो कॉल सेंटर पर बहाना बना दिया जाता है. इसी दौरान बुधवार को एंबुलेंस नदी के दलदल में फंस गई.

इमरजेंसी कॉल पर कौन होगा जिम्मेदार

नियमों को ताक पर रख चालक एंबुलेंस को नदी पर ले जाता है. प्रशासन को इसकी कोई खबर भी नहीं है. अगर ऐसे में इमरजेंसी कॉल आती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

ये भी पढ़ें- Rajgarh News: मिलावट खोरी पर कलेक्टर हुए सख्त, जांच के दिए निर्देश, फूड सेफ्टी ऑफिसर ने की बड़ी कार्रवाई

हर दिन नदी पर ले जाता है चालक

24 घंटे सेवा में रहने वाली एंबुलेंस को चालक नदी में धोने के लिए हर दिन लेकर जाता है. आसपास के लोगों का कहना है कि एंबुलेंस को नदी पर लाना चालक का रोज का काम है. जब एंबुलेंस फंसी दो ट्रैक्टर के साथ ही आसपास के लोगों ने एंबुलेंस को दलदल से निकवाने में सहायता की.

ये भी पढ़ें गरियाबंद एनकाउंटर मारे गए 10 नक्सलियों की हुई पहचान, चलपति के अलावा ये नक्सली भी हुए ढेर

उमरिया में खंडहर हुईं एंबुलेंस

उमरिया जिले के दूर दराज में बसे गांव के लोगों को इमरजेंसी पड़ने पर उनकी जान बचाने को चारों सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्रों को दी गई एंबुलेंस केंद्रों में खड़े रहकर ही खंडहर हो गईं. स्वास्थ्य विभाग इनके संचालन की व्यवस्था नहीं तय कर पाया, नतीजा चार साल तक सरकारी लचरता के कारण अनदेखी का शिकार होने के बाद जीवन रक्षक ये संजीवनी वाहन अब खंडहर हो चुकी है. विधायक निधि से चार एंबुलेंस वाहन तकरीबन चार वर्ष पूर्व स्वास्थ्य विभाग को सौंपे गए थे, ताकि इलाज में देरी के कारण मरीजों की जान न जा पाए. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की उदासीनता के कारण सड़कों पर ये वाहन नहीं दौड़ पाए और ये वाहन खड़े-खड़े कबाड़ में तब्दील हो गए.

ये भी पढ़ें चुनावों को प्रभावित करने नक्सलियों ने रची है बड़ी साजिश! जब्त दस्तावेजों से खुला बड़ा राज

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close