Ground Report: डिंडोरी जिले में सिंचाई परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. जिले के शहपुरा विधानसभा क्षेत्र स्थित सबसे बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट बिलगांव मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत बांध और नहरों के निर्माण में जल संसाधन विभाग ने अरबों रूपये फूंक दिए, लेकिन किसानों को एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है.
ढह गया सबसे बडी सिचाई परियोजना के तहत निर्मित नहर का बड़ा हिस्सा
डिंडौरी जिले की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना के तहत नहरों के निर्माण में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने गुणवत्ता का पता लगाने जब NDTV की टीम जब मौके पर पहुंची, तो बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ. धाराशाई हुए नहर के हिस्से का जायजा लिया तो देखा गया कि 6 MM के पतले सरिये के सहारे ही नहर के ढांचे को तैयार कर दिया गया था
नहर निर्माण में घटिया जल संसाधन विभाग द्वारा मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया
बिलगांव सिचाई परियोजना के तहत निर्मित नहरों के निर्माण में इस्तेमाल मैटेरियल की क्वॉलिटी सही नजर नहीं आई. यही कारण रहा होगा कि पानी ओवरफ्लो के चलते नहर का बड़ा हिस्सा जमींदोज हो गया. बिलगांव सिंचाई परियोजना के तहत 43 गांवों में 143 किमी लंबी नहरों का जाल बिछाया गया और नहरों के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च किये गए.
निर्माण के सालों बाद भी कईं गांवों नहीं नसीब हुआ एक बूंद नहर का पानी
रिपोर्ट के मुताबिक बिलगांव सिचाई परियोजन के तहत निर्मित नहर निर्माण को सालों गुजर चुके हैं, लेकिन आज भी कई गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए एक बूँद पानी भी नसीब नहीं हुआ है और। जिन गांवों में नहरों का निर्माण हुआ है, वे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं, क्योंकि जगह-जगह से नहर क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
नहरों की मरम्मत के नाम पर जल संसाधन विभाग को हर साल मिलता हैं लाखों का बजट
गौरतलब 143 किलोमीटर लंबी नहरों की मरम्मत के नाम पर जल संसाधन विभाग के अधिकारी सरकार से हर साल लाखों रूपये का बजट प्राप्त कर अपनी जेबें भर लेते हैं और किसान सूखे नहरों को देख अपनी किस्मत को कोसते रहते हैं. भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष बिहारी साहू ने बताया कि अधिकारियों ने अपनी कमाई का जरिया बना रखा है.
नहरों की मरम्मत के नाम पर भ्रष्टचार करने वाले अधिकारियों पर चल चुका है डंडा, लेकिन
जल संसाधन विभाग के अफसरों ने पहले बांध और नहरों के निर्माण के दौरान जमकर भ्रष्टाचार किया और अब नहरों की मरम्मत के नाम पर सरकार को चूना लगाने का काम कर रहे हैं. तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री,सहायक यंत्री एवं इंजीनियर को निलंबित कर दिया था.
बिलगांव सिंचाई परियोजना का जायजा लेने अचानक किसानों के खेतों में पहुंच गए सीएम
बिलगांव सिंचाई परियोजना के तहत नहरों के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का खामियाजा इलाके के सैकड़ों किसानों को भुगतना पड़ रहा है. किसानों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के तत्कालीन सीएम एक दिन अचानक बिलगांव सिंचाई परियोजना का जायजा लेने खेतों में पहुंच गएऔर नहरों की दुर्दशा को देख कई अधिकारियों का संस्पेंड कर दिया.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा नहर, अधिकारियों की मनमानी पर मूकदर्शक बने आला अधिकारी
जल संसाधन विभाग के तात्कालीन कार्यपालन यंत्री वी के सांडया,एसडीओ जे एल बघेल एवं इंजीनियर सुनील चौधरी को आन द स्पॉट सस्पेंड कर दिया था, बावजूद इसके जल संसाधन विभाग के अधिकारी अपनी मनमानी पर उतारू हैं. साथ ही, जिले के जिम्मेदार अधिकारी भी सब कुछ जानते हुए भी मूकदर्शक बने तमाशा देख रहे हैं.
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