
राज्यसभा सांसद एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज प्रदेश के किसानों की दुर्दशा पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की खरीफ फसलों मक्का, मूँगफली, सोयाबीन और धान के प्रति सरकार का रवैया उदासीन है. किसानों को उनकी मेहनत की उचित कीमत नहीं मिल रही है और सरकार एमएसपी पर खरीद की जिम्मेदारी से बच रही है.
सिंह ने कहा कि इस वर्ष प्रदेश में सोयाबीन का रकबा घटा है, क्योंकि उच्च गुणवत्ता की किस्में (वैरायटीज़) उपलब्ध नहीं हो रहीं और नकली बीज-खाद के कारण उत्पादन निरंतर घटता जा रहा है. उन्होंने बताया कि सोयाबीन की कीमत आज भी ₹4,000 प्रति क्विंटल के आसपास है, जो दस साल पहले जितनी थी यानी किसानों की आमदनी में कोई वृद्धि नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि सोयाबीन की तुलना में अब मक्का और मूँगफली की खेती में वृद्धि हुई है, लेकिन इन फसलों की स्थिति भी दयनीय है. मक्का आज बाजार में ₹1,200 से ₹1,400 प्रति क्विंटल बिक रही है, जबकि इसकी एमएसपी ₹2,400 है. सीएसीपी के अनुसार इसकी लागत ₹1,508 आती है, यानी किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं.
इसी प्रकार उन्होंने बताया कि मूँगफली का बाजार भाव ₹3,000 से ₹3,500 प्रति क्विंटल है, जबकि इसकी एमएसपी ₹7,263 और लागत ₹4,842 है. मूँगफली और मक्का दोनों में ही किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा, और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. सिंह ने कहा कि प्रदेश की मंडियों में मक्का आने लगी है, परंतु एमएसपी पर खरीद के आदेश अब तक जारी नहीं हुए.
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