विज्ञापन

NDTV World Summit 2025: पीएम मोदी बोले-75 घंटे में 303 नक्सली सरेंडर, रेड कॉरिडोर में 50 साल बाद दिवाली

NDTV World Summit 2025 Narendra Modi Speech: एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कभी Red Corridor में Constitution लागू नहीं हो पाता था और चुनी हुई सरकार की कोई मान्यता नहीं थी. 11 साल पहले जहाँ देश के 125 जिले Maoist Violence से प्रभावित थे, अब यह संख्या घटकर सिर्फ 11 जिलों तक रह गई है. जान‍िए पीएम ने क्‍या-क्‍या कहा? 

NDTV World Summit 2025: पीएम मोदी बोले-75 घंटे में 303 नक्सली सरेंडर, रेड कॉरिडोर में 50 साल बाद दिवाली

NDTV World Summit 2025: एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) ने 'लाल आतंक' पर कहा क‍ि पहले माओवादी आतंकियों के “रेड कॉरिडोर” में संविधान लागू नहीं हो पाता था. रेड कॉरिडोर के इलाकों में चुनी हुई सरकार की कोई मान्यता नहीं होती थी. जनता को सुरक्षा देने वाले जवानों को भी सुरक्षा लेकर चलना पड़ता था. कांग्रेस के राज में अरबन नक्‍सलवाद को बढ़ावा म‍िला.

स्‍कूल-अस्‍पताल नहीं खोलने देते थे माओवादी

पिछले 50 वर्षों में माओवादी आतंक के कारण हजारों निर्दोष लोगों की जानें गईं. वे स्कूल और अस्पताल खुलने नहीं देते थे, और जो बने हुए थे, उन्हें बम से उड़ा देते थे. देश का यह बड़ा हिस्सा विकास से पूरी तरह वंचित था. माओवादी आतंक के नाम पर देश के नौजवानों के साथ बड़ा अन्याय और पाप किया गया. यह सब देखकर मैं अंदर से बेचैन था. आज मैं पहली बार अपने उस दर्द को आप सबके सामने रख रहा हूं. 

यह भी पढ़ें- NDTV World Summit 2025: पूरी दुनिया भारत को भरोसेमंद पार्टनर के रूप में देख रही, एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में बोले PM मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा क‍ि ''मैं उन माओं को जानता हूं, जिन्होंने माओवादी आतंक की वजह से अपने लाल खो दिए. हमारी सरकार ने हजारों भटके हुए नौजवानों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया है.'' 

75 घंटों में 303 नक्सलियों का सरेंडर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार 11 साल पहले, देश के 125 जिले माओवादी आतंक से जूझ रहे थे. आज यह संख्या घटकर सिर्फ 11 जिलों तक सीमित रह गई है. इनमें से भी केवल तीन जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं. बीते दशक में हजारों नक्सलियों ने हथियार डाले हैं. सिर्फ पिछले 75 घंटों में ही 303 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.

एक समय था जब उनका “303” चलता था और आज 303 नक्सली सरेंडर कर रहे हैं. ये सभी ईनामी नक्सली थे. इनके साथ बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक भी बरामद हुए हैं. आज वे बम और बंदूक छोड़कर भारत के संविधान को अपनाने की राह पर चल पड़े हैं. वे अब स्वीकार कर रहे हैं कि वे गलत थे, और संविधान पर विश्वास करके आगे बढ़ने का संकल्प ले रहे हैं.  

यह भी पढ़ें- NDTV World Summit: हमेशा भगवान गणेश को डेस्क पर रखते हैं साथ ऋषि सुनक, ब्रिटेन के पूर्व PM ने बताया कैसे बदल रही दुनिया

बस्‍तर: लाल आतंक का गढ़, अब ओलंपिक का आयोजन 

पहले खबरें आती थीं कि बस्तर में बसें उड़ा दी गईं, सुरक्षाकर्मी शहीद कर दिए गए. बस्तर को कभी माओवादी आतंकियों का गढ़ कहा जाता था. लेकिन आज वही बस्तर बस्तर ओलंपिक का आयोजन कर रहा है, जहां लाखों युवा खेल के मैदान में अपनी ताकत और प्रतिभा दिखा रहे हैं.

माओवादी आतंक से मुक्त क्षेत्र दिवाली की रोशनी

इस बार माओवादी आतंक से मुक्त क्षेत्र दिवाली की रोशनी देखेंगे. इस बार की दिवाली पर उन इलाकों में भी खुशियों के दीये जलेंगे, जहां पहले बंदूक की आवाजें गूंजती थीं. वह दिन अब दूर नहीं जब भारत नक्सलवाद और माओवादी आतंक से पूरी तरह मुक्त होगा. और यह मोदी की गारंटी है.

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close