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सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 9 घंटे तक Digital Arrest कर 6 लाख रुपए ठगे, ऐसे हुआ साइबर अपराध

Digital Arrest Case: बिजली बिल भुगतान करने के नाम पर, कस्टम ड्यूटी के नाम पर, पेंशन फ्रॉड, ऑनलाइन टेलीग्राम टास्क जैसे कई नए-नए तरीकों से साइबर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है. हाल ही ग्वालियर की एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 6 लाख रुपए ठग लिए गए हैं.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 9 घंटे तक Digital Arrest कर 6 लाख रुपए ठगे, ऐसे हुआ साइबर अपराध

Cyber ​​Crime: ग्वालियर (Gwalior) में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब ठगों ने एक इंजीनियर युवती को अपना शिकार बनाया है. ठगों ने युवती से कहा कि उसके पार्सल में अवैध ड्रग्स है. यह कहकर उसे डिजिटल अरेस्ट किया गया और उसके बैंक अकाउंट (Bank Account) से 6 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए गए. युवती के नाम से पार्सल बुक होने और उससे ड्रग्स भेजने की धमकी देकर युवती को झांसे में लिया गया था और फिर डिजिटल अरेस्ट कर उसके खातों की गोपनीय जानकारियां ले ली गईं. बाद में जब युवती को समझ में आया कि उसके साथ धोखाधड़ी (Fraud) हुई है, तो उसने इस मामले की शिकायत पुलिस (Police) से की है. पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है.

कहां का है मामला?

यह मामला ग्वालियर के बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के घोसीपुरा रेलवे स्टेशन के पास मानस विहार कॉलोनी में रहने वाली युवती का है. पीड़िता पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. एसपी ऑफिस (SP Office Gwalior) पहुंची पीड़िता ने बताया कि 7 नवंबर की दोपहर 11 बजकर 30 मिनट के करीब उसके मोबाइल नंबर पर अनजान व्यक्ति का कॉल आया और करीबन 30 मिनट तक उसने बात करते हुए कहा कि युवती के नाम पर एक पार्सल है, जिसमें अवैध ड्रग्स पाए गए हैं.

युवती को कहा गया कि पूरे मामले की जांच चल रही है और वीडियो कॉल के माध्यम से एक व्यक्ति से मिलवाया गया. जिससे बात हुई उसने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि युवती के बैंक खाते से संबंधित गतिविधियां हो रही हैं, युवती को मानसिक दबाव में रखते हुए करीबन 9 घंटे तक उसे टॉर्चर किया गया.

आरोपियों ने युवती से WhatsApp पर आधार कार्ड, पैन कार्ड की फोटो और अन्य गोपनीय जानकारियां भी ले ली. साथ ही डरा धमका कर तीन अलग-अलग बैंक खातों में  6 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए. बाद में युवती के नाम पर 12 लाख रुपए  का लोन लेने की कोशिश भी की गई, लेकिन तब तक युवती को  समझ आ गया कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है.

पुलिस का क्या कहना है?

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र वर्धमान ने बताया कि पीड़ित युवती ने शिकायत की है करीबन 5 दिन पहले एक एप के जरिए उसे झांसे में लेकर उसके साथ करीबन ₹6 लाख की धोखाधड़ी हुई है. मामले को क्राइम ब्रांच (Crime Branch) को सौंपा गया है. मामले में जो भी तथ्य सामने आएंगे और जांच तथ्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चला रही है और सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों से अपील की जा रही है कि इस तरह के झांसे में ना आए, साथ ही लोगों को बता रहे है कि डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई चीज नहीं होती है, फिर भी लोग इस का शिकार हो रहे हैं. पुलिस उनकी शिकायत सुनकर उनकी समस्या का निराकरण करने का प्रयास कर रही है.

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