देश के पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री को स्कूल जाने के लिए गंगा नदी तैर कर पार करनी होती थी. इस बात को 100 साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है. तब सुविधाएं नहीं थीं लेकिन मध्यप्रदेश के धार की सरदारपुर तहसील में अब भी हालात वैसे ही हैं. यहां बच्चों को अब भी कोटेश्वरी नदी को तैर कर पार करना पड़ता है तब जाकर वे स्कूल तक पहुंच पाते हैं.
हालत ये है कि जब नदी में ज्यादा पानी हो जाता है तो स्कूल की छुट्टियां करनी पड़ती है... ऐसे में बच्चे कह रहे हैं शिवराज मामा पुल बनवा दो- हमें तैर कर स्कूल जाना पड़ता है.
शिवानी
ये मामला है सरदारपुर तहसील के कचनारिया प्राथमिक विद्यालय का. यहां बच्चे रोज अपनी जान जोखिम में डालकर कोटेश्वरी नदी पार करते हैं. छोटे-छोटे बच्चों को तैर कर या फिर किसी बड़े के कंधे पर सवार होकर स्कूल जाना पड़ता है. नदी की दूसरी तरफ गुलरी पाड़ा, रसदिया राजघाट, आमलीपाड़ा और देवगढ़ टांकरिया जैसे कई गांव हैं. गांव वालों ने अपनी इस परेशानी की शिकायत कई बार आला अधिकारियों को की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
कलेक्टर ने कहा- ठोस प्रयास करेंगे
दूसरी तरफ धार जिले के कलेक्टर प्रियंक मिश्र कहते हैं कि ये जानकारी हमें मीडिया के माध्यम से मिली है. हमने इसका संज्ञान पूर्व में भी लिया था. अब SDM को मैंने मौके पर जाने के लिए कहा है. कलेक्टर साहब का कहना है कि यहां पुल बनाने के लिए 4 करोड़ 60 लाख का एस्टीमेट PWD विभाग को साल 2019 में ही भेज दिया गया था लेकिन किसी वजह से वो स्वीकृत नहीं हो पाया. अब एक बार फिर प्रयास किया जाएगा. जाहिर है जब तक प्रशासन ठोस कार्रवाई नहीं करता तब तक बच्चों को यूं ही मजबूरी में स्कूल जाना पड़ेगा.
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