Positive New Year 2025: जीवन में निराश नहीं होना चाहिए बल्कि सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए… यह कहना है मध्य प्रदेश के रतलाम के लाल अब्दुल का. अब्दुल ऐसा क्यों कहते हैं, आखिर क्या है इनकी कहानी? यहां पढ़ें...
साल 2014 में 7 साल का अब्दुल घर की छत पर खेलते-खेलते हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गए थे. हादसा इतना खतरनाक था कि डॉक्टरों को अब्दुल के दोनों हाथों को काटना पड़ा. अब्दुल के पिता हुसैन इंदौरी और माता फातिमा को बेटे के भविष्य की चिंता सताने लगी, लेकिन अब्दुल ने अपना भविष्य अस्पताल के बेड पर ही तय कर लिया था. अपने पैरों से लिखना, खाना और अन्य जरूरी कार्य करना अब्दुल ने एक महीने में ही सीख लिए.
तैराकी में जमाई धाक
दोनों हाथ खो देने के बाद भी अब्दुल ने तैराकी जैसे मुश्किल खेल को चुना ओर मेहनत का नतीजा यह सामने आया कि अब्दुल ने देश में कई नेशनल चैंपियनशिप तो जीती ही, हाल ही में अब्दुल इजिप्ट में हुई सिटी पेरा स्विमिंग वर्ल्ड सीरीज 2024 में भी में दो गोल्ड एक सिल्वर एक ब्राउन अवार्ड जीते और भारत का नाम रोशन किया.
क्या कहते हैं अब्दुल?
अब्दुल अभी 17 वर्ष के हैं ओर कक्षा 12वीं में कॉमर्स के छात्र हैं. अब्दुल अपनी इस कामयाबी के लिए अपने माता-पिता को पूरा श्रेय देते हैं साथ ही अब्दुल बताते बताते हैं की जिंदगी में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए आपको सकारात्मक सोचना चाहिए और उसी जोश के साथ आपको आगे बढ़ना चाहिए. अब्दुल अब सितंबर 2025 में सिंगापुर में होने वाली बल्ड चेम्पियनशिप की तैयारी में जुट गए हैं.
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