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मगरमच्छ ने पहले युवक को बनाया शिकार, फिर जबड़े में दबाकर लगभग 1 KM दूर ले गया शव

Crocodile Attack : रीवा के गोविंदगढ़ तालाब में, मगरमच्छ ने एक शख्स को अपना शिकार बना लिया. क्षेत्र में मगरमच्छ के शिकार की ऐसी ये पहली घटना है. गोविंदगढ़ तालाब में मछली मारने गए, शख्स का शव दो दिन बाद मिला. एसडीआरएफ के अनुसार, मगरमच्छ ने उस व्यक्ति को खींचकर लगभग एक किलोमीटर दूर ले गया. 

मगरमच्छ ने पहले युवक को बनाया शिकार, फिर जबड़े में दबाकर लगभग 1 KM दूर ले गया शव
मगरमच्छ ने पहले युवक को बनाया शिकार, फिर जबड़े में दबाकर लगभग 1 KM दूर ले गया शव.

Crocodile Attack In Govindgarh Talab: प्रदेश के भोपाल के बाद दूसरे सबसे बड़े तालाब, गोविंदगढ़ के तालाब में, मछली मारने गए व्यक्ति की पिछले दो दिनों से गुमशुदगी की सूचना आ रही थी. जिसके चलते शनिवार की सुबह लगभग 10 बजे गोविंदगढ़ थाने से एसडीआरएफ को सूचना दी गई थी. एक व्यक्ति गोविंदगढ़ तालाब में डूब गया. तालाब के किनारे उसके कपड़े मिले हैं. मछली मारने का सामान मिला है. लेकिन व्यक्ति गायब है, जिसके चलते एसडीआरएफ की सात सदस्यों की टीम उप निरीक्षक विकास पांडे के नेतृत्व में गोविंदगढ़ पहुंची. एसडीआरएफ की टीम ने वहां पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. 

तालाब से दूर रहने की अपील की

एसडीआरएफ की टीम ने लोगों से तालाब से दूर रहने के लिए कहा है. एसडीआरएफ के विकास पांडे ने बताया, गोविंदगढ़ तालाब में मगरमच्छ दिखाई पड़ा है. हमारी टीम को, हमने जिस जगह शव बरामद किया था. वहां पर मगरमच्छ भी मौजूद था. हमने उसको हटाया, उसके बाद शव को निकला है. इसलिए लोग तालाब के अंदर न जाएं, सावधानी रखें.

मुश्किल से मगरमच्छ को शव से दूर किया

इस जगह पर एक मगरमच्छ भी नजर आ रहा था. एसडीआरएफ की टीम बड़ी मुश्किल से मगरमच्छ को शव से दूर किया गया. उसके बाद शव को बरामद करके गोविंदगढ़ पुलिस के हवाले किया गया. उस आदमी की मौत, क्या मगरमच्छ के काटने से हुई, या कोई और वजह है. मौत की सही वजह पता करने के लिए शव को  पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया गया. शव की पहचान शिव प्रसाद रावत पिता छोटेलाल रावत उम्र 37 साल के रूप में हुई.

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रेस्क्यू ऑपरेशन में ये रहे शामिल

उप निरीक्षक विकास पांडेय एसडीआरएफ टीम का नेतृत्व कर रहे थे, उनके साथ 346 शंभू, 358 मोती, 304 बिहारी, 217 जाविर, 1202 हरिओम, और 100 बृजेंद्र आरक्षक मौजूद रहे. जिन्होंने मगरमच्छ को दूर करके शव को तालाब से निकाला और पुलिस के बाद परिजनों के हवाले करने में मदद की.

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