
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर सिक्योरिटी गार्ड ने सरेआम फायरिंग करके दो लोगों की जान ले ली. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो राज्य में कानून-व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े होने शुरू हो गए. दरअसल 9 दिसंबर 2021 को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया गया था और पुलिस को मजिस्ट्रियल पॉवर दिया गया ताकि अपराध पर लगाम लगाई जा सके लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार की ये कोशिश वैसे परिणाम नहीं दे रहे हैं जिसकी उसको अपेक्षा थी. आपको ग्राफिक्स के जरिए हकीकत से रू-ब-रू कराते हैं.

बता दें कि भोपाल और इंदौर दोनों शहरों में कमिश्नरेट के नाम पर 21 आईपीएस अफसर तैनात किए गए हैं. खुद कुछ महीनों पहले विधानसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र ने बताया था कि प्रदेश में कानून-व्यस्था सरकार की पहली प्राथमिकता है. इसी वजह से ये तब्दीलियां की गई हैं.
इंदौर में क्या हुआ ?
इंदौर के खजराना क्षेत्र के कृष्ण बाग कॉलोनी 117 बी में दो कुत्तों को घुमाने को लेकर हुई लड़ाई के बाद विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई. जिसके कारण आवेश में आकर बैंक ऑफ बड़ौदा में काम करने वाले सिक्युरिटी गार्ड राजपाल रजावत ने घर की गैलरी से खड़े होकर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी. वहीं इस घटना में गोली लगने से विमल आचला और राहुल अमाचा नामक युवक की मौत हो गई. जबकि गोलीबारी की घटना में कुल 6 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हालांकि घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सुरक्षा गार्ड राजपाल को गिरफ्तार कर लाइसेंसी 12 बोर की बंदूक भी बरामद कर ली है. मृतक और आरोपी पड़ोसी बताए जा रहे है