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MP Politics : कांग्रेस नेता कटारे ने पत्र लिखकर की बड़ी मांग, कहा- विपक्ष को दें ये पद, लोकसभा का दिया हवाला

Madhya Pradesh Assembly : मध्य प्रदेश की विधानसभा में उपाध्यक्ष पद विपक्ष को मिले. ये मांग कांग्रेस ने की है. इसके लिए उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है. 

MP Politics : कांग्रेस नेता कटारे ने पत्र लिखकर की बड़ी मांग, कहा- विपक्ष को दें ये पद, लोकसभा का दिया हवाला
MP Politics : कांग्रेस नेता कटारे ने पत्र लिखकर की बड़ी मांग, कहा विपक्ष को दें ये पद, लोकसभा का दिया हवाला.

MP Politics News : कांग्रेस के नेता हेमंत कटारे ने एक मांग की है, कटारे ने पत्र लिखते हुए मध्यप्रदेश विधानसभा में उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने के लिए मांग की है. बता दें एमपी में  4 साल से विधानसभा उपाध्यक्ष का पद खाली है. इस मांग पर कांग्रेस ने परंपराओं का हवाला दिया है. विधायी कार्यप्रणाली को मजबूती देने के लिए जल्द ही रिक्त पद को भरने की मांग की है. कांग्रेस कटारे ने इस मांग पर लोकसभा का उदाहरण दिया है. कटारे ने कहा लोकसभा में 18 में से 10 बार विपक्षी दल को  पद दिया गया. 

संसदीय कार्य मंत्री को भी भेजा पत्र

बता दें, मध्यप्रदेश विधानसभा में 4 साल से उपाध्यक्ष का पद खाली है. विधानसभा का शीतकालीन सत्र खत्म होने के बाद उपाध्यक्ष पद भरने की मांग शुरू हो गई है, विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र की एक प्रति मुख्यमंत्री , नेता प्रतिपक्ष और संसदीय कार्य मंत्री को भी भेजा है.

चार साल से उपाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई

हेमंत कटारे ने अपने पत्र में लिखा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 178 में प्रदेश विधान सभाओं में स्पीकर सहित डिप्टी स्पीकर के पद का उल्लेख है...नियमानुसार विधान सभा के द्वितीय सत्र तक उपाध्यक्ष पद की पूर्ति होना चाहिए लेकिन मध्यप्रदेश विधानसभा में बीते चार साल से उपाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने से यह पद रिक्त है. मध्य प्रदेश में उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने की परम्परा रही है।,लोकसभा में भी 18 में से 10 बार विपक्षी दल को उपाध्यक्ष का पद दिया गया,जिसके अनुसार प्रदेश में उपाध्यक्ष का पद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दल को मिलना चाहिए.

2020 से खाली है पद

मध्यप्रदेश में साल 1962 में पहली बार विपक्षी पार्टी के विधायक नरबदा प्रसाद श्रीवास्तव को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाकर इस परंपरा की शुरुआत हुई थी, यह पद अधिकतर विपक्ष के पास ही रहा,2018 में कांग्रेस की सरकार मध्यप्रदेश में बनने के बाद उस वक्त कमलनाथ के मुख्यमंत्री रहते विपक्ष के पास रहने वाले उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस की ही विधायक हिना कांवरे को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया गया.लेकिन सत्ता परिवर्तन 2020 में प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तब से अब तक विधानसभा उपाध्यक्ष का पद खाली ही है.

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कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया

2023 के विधानसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी. सत्ता और विपक्ष दोनों में पीढ़ी परिवर्तन हो गया मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव बने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर को मध्य प्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया. कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया. विधानसभा में भी नए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार बनाए गए. नेता प्रतिपक्ष के साथ इस बार उप नेता प्रतिपक्ष के पद पर भी नियुक्ति हुई, लेकिन विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद खाली रह गया. अब एक बार फिर विपक्ष ने उपाध्यक्ष पद की मांग की है.

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