Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से भाजपा के वरिष्ठ नेता व कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन द्वारा 1500 करोड रुपए बटोरने का प्रचार सोशल मीडिया पर किया जा रहा है. कई सारे पोस्ट किए गए हैं. सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट और वीडियो से प्रदेश में सियासी माहौल गरमा गया है. इसे लेकर भाजपा विधायक ने रायपुर के पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है.
जानकारी के अनुसार, रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा ने इसे भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और छत्तीसगढ़ सरकार के वरिष्ठ नेताओं को बदनाम करने की सुनियोजित राजनीतिक साजिश करार देते हुए रायपुर पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत सौंपी है. विधायक ने वीडियो को पूरी तरह भ्रामक, असत्य और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत कठोर धाराओं में तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

भाजपा विधायक ने दिया शिकायती आवेदन.
वसूली का झूठा आरोप
शिकायत में विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा है कि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर जानबूझकर एक ऐसा वीडियो वायरल किया जा रहा है, जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है. इस फर्जी वीडियो में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित कई वरिष्ठ नेताओं पर 1500 करोड़ रुपये की कथित ‘वसूली' या ‘कलेक्शन' का झूठा आरोप मढ़ा गया है. वीडियो में आपत्तिजनक और अमर्यादित वाक्य का प्रयोग कर न केवल नेताओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने, बल्कि जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया है. कांग्रेस की ओर से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

सोशल मिडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट
शीर्ष नेतृत्व को बनाया गया निशाना
विधायक ने स्पष्ट किया कि इस दुष्प्रचार के माध्यम से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नवीन, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव एवं विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव और प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय की छवि को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया गया है. उन्होंने कहा कि यह केवल व्यक्तिगत मानहानि नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था और जनविश्वास पर सीधा हमला है.
सख्त कार्रवाई की मांग
विधायक पुरंदर मिश्रा ने मांग की है कि इस गंभीर मामले की जांच साइबर सेल को सौंपी जाए और वीडियो तैयार करने, अपलोड करने, साझा करने, फैलाने वाले सभी व्यक्तियों और सोशल मीडिया आईडी धारकों की पहचान कर गैर-जमानती धाराओं में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. शिकायत के साथ वीडियो के स्क्रीनशॉट, लिंक और दुष्प्रचार में शामिल अकाउंट्स की सूची भी पुलिस को सौंपी गई है.