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तानसेन संगीत समारोह में विशेष डाक टिकट जारी, शास्त्रीय संगीत को लेकर सीएम ने कही ये बात

100th Tansen Music Festival Gwalior : मुख्यमंत्री डॉ. यादव (CM Dr. Mohan Yadav) ग्वालियर में आयोजित हो रहे 100वें “तानसेन संगीत समारोह” (100th Tansen Music Festival) के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित किया. सीएम ने इस दौरान संगीत और ग्वालियर (Gwalior) को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं...

तानसेन संगीत समारोह में विशेष डाक टिकट जारी, शास्त्रीय संगीत को लेकर सीएम ने कही ये बात
तानसेन संगीत समारोह में विशेष डाक टिकट जारी, शास्त्रीय संगीत को लेकर सीएम ने कही ये बात.

Tansen Music Festival News : संगीतधानी ग्वालियर (Gwalior)  की उत्सवधर्मिता की देश भर में विशेष पहचान है. साथ ही संगीत और कलाओं का प्रोत्साहन एवं कलाकारों का मान-सम्मान बढ़ाने की यहां की रिवायत भी अद्वितीय है. इस धरा पर जन्मे तानसेन और बैजू बावरा जैसे महान संगीतज्ञों को वर्तमान संगीत साधक भगवान की तरह पूजते हैं. 100वें “तानसेन संगीत समारोह (100th Tansen Music Festival) को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव (CM Dr. Mohan Yadav) ने ये बात कही.

'सभी कलाकारों का अभिनंदन करता हूं'..

सीएम ने कहा- तानसेन समारोह के शताब्दी आयोजन में अपने देश के संगीत के शीर्षस्थ साधकों के साथ चार अन्य देशों के संगीत कलाकार सुर सम्राट तानसेन को स्वरांजलि देने आए हैं. मध्यप्रदेश सरकार देश और विदेश के सभी कलाकारों का अभिनंदन करती है.मेरा सौभाग्य है कि यहां महान संगीतज्ञ तानसेन की याद में आयोजित होने वाले संगीत समारोह में दो बार आने का मुझे मौका मिला. पिछली बार जब मैं आया था, तब ग्वालियर दुर्ग पर ताल दरबार के वृहद आयोजन से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना था. इसी तरह इस बार कला साधकों ने वाद्य यंत्रों का समवेत वादन कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है.

स्मारिका का विमोचन भी किया

तानसेन समारोह के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में डाक विभाग द्वारा पांच रुपए का डाक टिकट जारी किया गया. तानसेन समारोह के उदघाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं अन्य अतिथियों ने इस डाक टिकिट का विमोचन किया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं अन्य अतिथियों ने तानसेन समारोह की 100 वर्षीय यात्रा पर केन्द्रित पुस्तक और इस साल के आयोजन पर तैयार की गई स्मारिका का विमोचन भी किया. 

राग प्रकृति से तालमेल बिठाने में सक्षम हैं- सीएम 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शास्त्रीय संगीत के राग प्रकृति से तालमेल बिठा लेते हैं. साथ ही संसार के सभी प्राणियों से संगीत संवाद स्थापित करने में सक्षम होता है. भगवान श्रीकृष्ण के बांसुरी वादन से सम्पूर्ण गौधन का एकत्रित हो जाना इस बात का प्रमाण है. इसी तरह संगीत सम्राट तानसेन ने राग मल्हार के जरिए बरसात कराकर साबित किया कि राग प्रकृति से तालमेल बिठाने में सक्षम है.

1924 से शुरू हुई थी ये परंपरा

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि संगीत के क्षेत्र में ग्वालियर के लिये यह वर्ष अलौकिक वर्ष है. वर्ष 1924 में सिंधिया राज्य काल में शुरू हुए तानसेन समारोह का इस साल शताब्दी वर्ष है. यह वर्ष ग्वालियर के इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. ग्वालियर को संगीत का हब बनाने का काम मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सहयोग से हम सब लोगों द्वारा मिलजुलकर किया जाएगा. सिंधिया ने तानसेन समारोह की तर्ज पर बैजू बावरा की स्मृति में चंदेरी संगीत महोत्सव को भव्य बनाने का आग्रह मुख्यमंत्री डॉ. यादव से किया. वहीं,विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि खुशी की बात है राज्य सरकार द्वारा सांस्कृतिक अभ्युदय का काम समूचे प्रदेश में किया जा रहा है. ग्वालियर में तानसेन समारोह के विस्तार के रूप में पिछले साल ताल दरबार और इस साल वृहद शास्त्रीय बैंड की समवेत प्रस्तुति का आयोजन इसका उदाहरण है.

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