100th Tansen Music Festival
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तानसेन संगीत समारोह में विशेष डाक टिकट जारी, शास्त्रीय संगीत को लेकर सीएम ने कही ये बात
- Sunday December 15, 2024
- Reported by: अजय कुमार पटेल, Edited by: Tarunendra
100th Tansen Music Festival Gwalior : मुख्यमंत्री डॉ. यादव (CM Dr. Mohan Yadav) ग्वालियर में आयोजित हो रहे 100वें “तानसेन संगीत समारोह” (100th Tansen Music Festival) के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित किया. सीएम ने इस दौरान संगीत और ग्वालियर (Gwalior) को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं...
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Tansen Samaroh 2024: खास होगा 100वां तानसेन समारोह, 100 से ज्यादा देशी-विदेशी कलाकारों की प्रस्तुतियां
- Friday December 13, 2024
- Reported by: अजय कुमार पटेल, Written by: अजय कुमार पटेल
Tansen Samaroh Gwalior: ग्वालियर की समृद्ध संगीत विरासत सदियों पुरानी हैं. "ग्वालियर घराने'' ने शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश को एक से एक नायाब नगीने दिए हैं. उर्दू इतिहासकार फरिस्ता द्वारा लिखित ग्रंथ "तारीख-ए-फरिस्ता'' के शुरूआती अध्याय में ही ग्वालियर की संगीत विरासत के बारे में बड़ा रंजक वर्णन मिलता है. ग्वालियर की संगीत परंपरा राजा मानसिंह तोमर के राज्यकाल में अपने चर्मोत्कर्ष पर पहुंची. पन्द्रहवीं शताब्दी में राजा मानसिंह के प्रोत्साहन से ग्वालियर संगीत कला का विख्यात केन्द्र बना. इस बार 'तानसेन संगीत समारोह'' का 100वां वर्ष है.
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तानसेन संगीत समारोह में विशेष डाक टिकट जारी, शास्त्रीय संगीत को लेकर सीएम ने कही ये बात
- Sunday December 15, 2024
- Reported by: अजय कुमार पटेल, Edited by: Tarunendra
100th Tansen Music Festival Gwalior : मुख्यमंत्री डॉ. यादव (CM Dr. Mohan Yadav) ग्वालियर में आयोजित हो रहे 100वें “तानसेन संगीत समारोह” (100th Tansen Music Festival) के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित किया. सीएम ने इस दौरान संगीत और ग्वालियर (Gwalior) को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं...
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Tansen Samaroh 2024: खास होगा 100वां तानसेन समारोह, 100 से ज्यादा देशी-विदेशी कलाकारों की प्रस्तुतियां
- Friday December 13, 2024
- Reported by: अजय कुमार पटेल, Written by: अजय कुमार पटेल
Tansen Samaroh Gwalior: ग्वालियर की समृद्ध संगीत विरासत सदियों पुरानी हैं. "ग्वालियर घराने'' ने शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश को एक से एक नायाब नगीने दिए हैं. उर्दू इतिहासकार फरिस्ता द्वारा लिखित ग्रंथ "तारीख-ए-फरिस्ता'' के शुरूआती अध्याय में ही ग्वालियर की संगीत विरासत के बारे में बड़ा रंजक वर्णन मिलता है. ग्वालियर की संगीत परंपरा राजा मानसिंह तोमर के राज्यकाल में अपने चर्मोत्कर्ष पर पहुंची. पन्द्रहवीं शताब्दी में राजा मानसिंह के प्रोत्साहन से ग्वालियर संगीत कला का विख्यात केन्द्र बना. इस बार 'तानसेन संगीत समारोह'' का 100वां वर्ष है.
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