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Vikramotsav Mela 2025 : महाशिवरात्रि से होगा शुभारंभ, CM बोले- प्रदेश के 48 शिवरात्रि मेले शुरू होंगे

Ujjain, Mahashivratri 2025 : 21 से 29 मार्च तक विक्रम नाट्य समारोह, वेद अंताक्षरी और कवि सम्मेलन होंगे. 26-28 मार्च को राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन और विज्ञान उत्सव होगा. 30 मार्च को समापन समारोह होगा.

Vikramotsav Mela 2025 : महाशिवरात्रि से होगा शुभारंभ, CM बोले- प्रदेश के 48 शिवरात्रि मेले शुरू होंगे
Vikramotsav Mela 2025 : महाशिवरात्रि से होगा शुभारंभ, CM बोले- प्रदेश के 48 शिवरात्रि मेले शुरू होंगे

Vikramotsav Mela 2025 : उज्जैन में 26 फरवरी से विक्रमोत्सव-2025 की शुरुआत होगी. ये मेला 30 मार्च तक चलेगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि यह सम्राट विक्रमादित्य, भारतीय संस्कृति और विज्ञान पर केंद्रित रहेगा. उन्होंने विक्रमोत्सव के कैलेंडर का विमोचन किया. CM ने कहा कि उज्जैन और अन्य जगहों पर सम्राट विक्रमादित्य, ऋषि वैज्ञानिक परंपरा और देवी अहिल्याबाई से जुड़ी प्रदर्शनियां लगेंगी. विक्रमोत्सव में साहित्य, संस्कृति, ज्योतिष, विज्ञान और व्यापार से जुड़े कार्यक्रम होंगे. इसमें विचार गोष्ठियाँ, इतिहास समागम और लोक संस्कृति से जुड़े आयोजन होंगे. वैदिक घड़ी ऐप का लोकार्पण किया जाएगा. साथ ही हस्तशिल्प, पारंपरिक व्यंजन, वस्त्र और हथकरघा उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगेगी. श्रीकृष्ण पर केंद्रित खास और पौराणिक फिल्मों का महोत्सव होगा. अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा. इसमें शोधपरक पुस्तकों और विक्रम पंचांग का प्रकाशन भी किया जाएगा.

क्या बोले प्रदेश के CM मोहन यादव ?

CM यादव ने कहा कि भीली और गोंडी जैसी जनजातीय बोलियों के कवियों को भी कवि सम्मेलन में शामिल किया जाएगा. सम्राट विक्रमादित्य पर लिखी कविताओं और रचनाओं को सम्मान मिलेगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन में ड्रोन और रोबोटिक शो जैसे कार्यक्रम होंगे. महाकौशल, बुंदेलखंड और बघेलखंड में भी विज्ञान सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे. इसरो और अन्य वैज्ञानिकों को भी आमंत्रित किया जाएगा.

विक्रमोत्सव में किया जाएगा खास आयोजन

महाशिवरात्रि पर भव्य शुरुआत होगी. पूरे प्रदेश में शिवरात्रि मेले शुरू होंगे. उज्जैन में विंटेज कार, स्पोर्ट्स बाइक और जनजातीय कलाकारों की प्रस्तुति के साथ कलश यात्रा निकलेगी. 84 महादेव की प्रदर्शनी लगेगी. वैदिक घड़ी ऐप का लोकार्पण होगा. सिंहस्थ-2028 की रूपरेखा तैयार होगी. ताल वादक आनंदम शिवमणि और गायक हंसराज रघुवंशी प्रस्तुति देंगे. वस्त्र, हथकरघा और हस्तशिल्प की प्रदर्शनी लगेगी. जनजातीय शिल्प, पारंपरिक व्यंजन और चिकित्सा शिविर भी होंगे.

कब शुरू होगा पहला मेला ?

27 फरवरी से अलग-अलग विषयों पर प्रदर्शनियां लगेंगी. इसमें सम्राट विक्रमादित्य, ऋषि वैज्ञानिक परंपरा, श्रीकृष्ण की 64 कलाएँ, अयोध्या, चौरासी महादेव और देवी 108 स्वरूप पर प्रदर्शनी होगी. शैव परंपरा, वास्तु विज्ञान और संवत परंपरा पर शोध संगोष्ठी होगी. वायलिन वादक अनुप्रिया देवेताले प्रस्तुति देंगी.

आयोजन में क्या कुछ खास ?

1 से 3 मार्च तक सम्राट विक्रमादित्य का न्याय  विषय पर चर्चा होगी. 8 मार्च को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा. 10 से 12 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय इतिहास संगोष्ठी होगी. 15-16 मार्च को ज्योतिष और आचार्य वराह मिहिर पर चर्चा होगी. 21 मार्च से महादेव शिल्पकला कार्यशाला और मांडना शिविर आयोजित होंगे. 21 से 25 मार्च तक पौराणिक फिल्मों का महोत्सव होगा.

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21 से 29 मार्च तक विक्रम नाट्य समारोह, वेद अंताक्षरी और कवि सम्मेलन होंगे. 26-28 मार्च को राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन और विज्ञान उत्सव होगा. 30 मार्च को समापन समारोह होगा. इस दिन सूर्योपासना, उज्जैनी गौरव दिवस और सम्राट विक्रमादित्य अलंकरण समारोह होगा. लोक कलाकारों की प्रस्तुति और भव्य आतिशबाजी भी होगी.

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