Sewarkhedi-Silarkhedi Project MP : मध्य प्रदेश के उज्जैन में सोमवार को एक बड़ी परियोजना का शुभारंभ हुआ. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हुए. इस दौरान CM मोहन यादव ने सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमि पूजन किया. साथ ही इस मौके पर CM यादव ने मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं और कहा कि 2028 के कुंभ मेले तक शिप्रा नदी में पानी की कोई कमी नहीं होगी. दरअसल, इस योजना का मकसद शिप्रा नदी को सालभर प्रवाहित बनाए रखने का है. ये योजना मई 2027 तक पूरी करने का लक्ष्य है. इसके बाद शिप्रा नदी में सालभर पानी रहेगा जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. ऐसे में आइए इस परियोजना से जुड़ी अहम बातें जान लेते हैं : -
क्या है ये परियोजना ?
- ये परियोजना 614 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई है.
- इसका मकसद शिप्रा नदी को प्रवाहित रखने का है.
- गांव सिलारखेड़ी तालाब की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी, ताकि ज्यादा पानी जमा हो सके.
- सेवरखेड़ी में बैराज बनाया जाएगा, जहां बारिश का पानी इकट्ठा किया जाएगा.
- इसके बाद 6.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिए पानी शिप्रा नदी में छोड़ा जाएगा.
- इससे जिले के 65 गांवों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा.
- साथ ही 18,000 हेक्टेयर जमीन पर खेती की सुविधा होगी.
- उज्जैन और आसपास के इलाकों में पेयजल की समस्या भी खत्म होगी.
क्या बोले CM मोहन ?
भूमि पूजन के दौरान CM यादव ने कहा कि ये परियोजना प्रदेश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इससे किसान, आम जनता और श्रद्धालुओं को फायदा होगा. शिप्रा नदी हमारी संस्कृति का प्रतीक है और इसे प्रवाहित रखना हमारी जिम्मेदारी है. CM यादव ने सबसे पहले राम-हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की. इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नए जिला अध्यक्ष संजय अग्रवाल को बधाई दी. मिली जानकारी के मुताबिक, CM आज सोमवार को कपिला गौशाला का दौरा भी कर और कई अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे.
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परियोजना से होंगे ये फायदे
इस परियोजना से जुड़े फायदे की बात की जाए तो इससे शिप्रा नदी सालभर प्रवाहित रहेगी, जिससे श्रद्धालु किसी भी समय स्नान कर सकेंगे. किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, जिससे उनकी खेती में सुधार होगा. उज्जैन और आसपास के इलाकों में पीने के पानी की कमी दूर होगी. जिले में धार्मिक और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी.
आगामी कुंभ मेले से जुड़ा
CM यादव ने कहा कि ये परियोजना 2028 में होने वाले कुंभ मेले की तैयारी का हिस्सा है. कुंभ मेला हमारी परंपरा का बड़ा उत्सव है और इस परियोजना से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. शिप्रा नदी में पानी हमेशा रहेगा, जिससे उज्जैन का धार्मिक महत्व और बढ़ेगा. इस योजना के शुरू होने से किसानों और आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी.