
Madhya Pradesh Crime School : राजधानी भोपाल से करीब 117 किलोमीटर दूर.... तीन ऐसे गांव हैं जिन्हें 'अपराधियों का स्कूल' कहा जाता है. मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थित इन गांवों में आने से पहले खुद पुलिस भी हिचकिचाती है. इसी "अपराध की पाठशाला" पर NDTV ने बीते दिनों खबर चलाई थी. जिस खबर के बाद सरकार ने कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया है. सरकार ने ये कदम NDTV की एक रिपोर्ट के बाद उठाया.... जिसमें इन गांवों में बच्चों को अपराध के लिए कैसे ट्रेनिंग दी जाती है..... ? इसे लेकर चौंकाने वाली सच्चाई को उजागर किया गया था.
NDTV की खबर का असर
दरअसल, NDTV के रिपोर्टर अजय शर्मा ने इन गांवों की जमीनी हकीकत जानने के लिए यहां जाकर एक ग्राउंड रिपोर्ट की थी. इस रिपोर्ट की मानें तो, इन गांवों में बच्चों को छोटी उम्र से ही चोरी, लूट, और डकैती के गुर सिखाए जाते हैं. माता-पिता खुद अपराधी सरगनाओं से मिलकर अपने बच्चों को अपराध की ट्रेनिंग दिलाते हैं और इसके लिए मोटी रकम भी चुकाते हैं. रिपोर्ट में ये भी सामने आया कि इन बच्चों को अमीर परिवारों के बच्चों जैसा दिखने और बोलने की भी ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे आसानी से हाई प्रोफाइल शादियों और पार्टियों में घुलमिल सकें और वहां से गहने और कीमती सामान चुरा कर रफूचक्कर हो सकें.
CM यादव ने दिए निर्देश
NDTV की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इन गांवों में हो रहे अपराधों पर रोक लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं. मुख्यमंत्री ने विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु जनजाति विभाग को इन गांवों में जाकर पूरी जांच करने और एक डाटाबेस तैयार करने के निर्देश दिए हैं. इस डाटाबेस में गांव के सभी लोगों की जानकारी, उनके अपराध रिकॉर्ड, और बच्चों की स्थिति दर्ज की जाएगी.
छोड़ना पड़ेगा अपराध का रास्ता
मंत्री कृष्णा गौर ने भी NDTV को इस मुद्दे को उठाने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि सरकार अब इन गांवों में रहने वाले लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए योजनाएं बनाएगी और रोजगार के मौके भी प्रदान करेगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर इन गांवों के लोग अपराधों में शामिल रहते हैं, और सरकार इस दिशा में सख्त कदम उठाएगी.
यहां की महिलाएं भी शातिर
इन गांवों की महिलाएं भी अपराध में सक्रिय रूप से शामिल हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाएं बाहरी व्यक्तियों को देखते ही खुद को बहरी दिखने का नाटक करती हैं. अगर गांव में कोई बाहर का व्यक्ति नज़र आता तो गांव के लोग तुरंत सतर्क हो जाते हैं.... लेकिन दिखाते ऐसा है जैसे उन्हें कुछ अता-पता नहीं ! इस गांव में बच्चों को भी अपराध के लिए किराये पर लिया जाता है, और इसके लिए 20 लाख रुपये तक की बोली लगाई जाती है.
खामोश क्यों यहां की पुलिस ?
राजगढ़ जिले के ये तीन गांव पुलिस के लिए भी चुनौती बन गए हैं. यहां अपराधियों के पहुंचने से पहले एक नदी पार करनी पड़ती है, और अक्सर पुलिस के पहुंचते ही अपराधी फायरिंग करने लगते हैं. यहां के अपराधियों पर देशभर के अलग-अलग थानों में 8000 से ज़्यादा मुकदमे दर्ज हैं.
अब निकलेगी क्राइम कुंडली
मुख्यमंत्री के फैसले के बाद अब इन गांवों की पूरी क्राइम कुंडली तैयार की जाएगी. सरकार इन गांवों के लोगों को शासकीय रोजगार, अग्निवीर योजना, और अन्य अवसर प्रदान कर उन्हें अपराध से दूर करने की कोशिश करेगी.
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कब बदलेगी इस गांव की हालत
इस कार्रवाई से यह उम्मीद की जा रही है कि इन गांवों में अपराध पर काबू पाया जा सकेगा और वहां के बच्चों को एक बेहतर भविष्य दिया जा सकेगा. NDTV की रिपोर्ट ने इस मुद्दे को से उठाया... नतीजतन सरकार ने इस दिशा में सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है.
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