विज्ञापन

Bulldozer Action in MP: आदिवासी हुए बेदखल! BJP ऑफिस के लिए गुना में गरजा बुलडोजर, दिग्विजय सिंह ने ये कहा

Bulldozer Action: सरकारी जमीन पर भाजपा कार्यालय निर्माण का मुद्दा अब गरमा गया है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. लेकिन कार्यालय निर्माण से पहले सरकारी जमीन पर काबिज आदिवासी परिवार को जिस तरह से बेदखल किया गया उसे लेकर लोगों में नाराजगी है. जानिए पूरा मामला.

Bulldozer Action in MP: आदिवासी हुए बेदखल! BJP ऑफिस के लिए गुना में गरजा बुलडोजर, दिग्विजय सिंह ने ये कहा
Bulldozer Action: गुना में चला बुलडोजर

Bulldozer Action in Guna: गुना में बीजेपी कार्यालय (BJP Office) के निर्माण के लिए आदिवासियों पर बुलडोजर (Bulldozer Action) की कार्रवाई को अंजाम देने का मामला गरमा गया है. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कूद पड़े हैं. दरअसल मोहन यादव सरकार की कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित करते हुए गुना में बीजेपी कार्यालय के निर्माण के लिए सरकारी जमीन आवंटित की है, बीजेपी को जमीन का स्थाई पट्टा दिया गया है. इस सरकारी जमीन पर आदिवासी परिवार लंबे समय से काबिज था. नैनकराम भील और उसके परिवार के सदस्य जमीन पर वर्षों से काबिज थे, जिन्हें जमीन से बेदखल किया गया.

क्या है मामला?

BJP कार्यालय के निर्माण के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 3110 वर्ग मीटर यानी डेढ़ बीघा जमीन का आवंटन किया है. उक्त जमीन की रजिस्ट्री "बीजेपी नई दिल्ली" के नाम पर की गई है. बीजेपी ने उक्त जमीन की एवज में शासन को 1,51,29,420/- करोड़ रुपए चुकाए हैं. जिसका रजिस्ट्री शुल्क 14 लाख रुपए निर्धारित किया गया था.

PBKS vs CSK: अर्श से लेकर नूर तक कौन बनेगा किंग? पंजाब vs चेन्नई की भिड़ंत को लेकर क्या कहते हैं आंकड़े, जानिए सबकुछ यहां

सरकारी जमीन के आवंटन के लिए गुना कलेक्टर ने मप्र शासन को पत्र लिखा था, जिसके बदले में राजस्व विभाग द्वारा प्रकरण को तैयार करते हुए कैबिनेट में प्रस्तुत किया गया. मोहन सरकार की कैबिनेट ने उक्त प्रकरण की अनुशंसा करते हुए जमीन आवंटन की स्वीकृति प्रदान कर दी.

हालांकि जिस सरकारी जमीन को भाजपा कार्यालय के लिए आवंटित किया गया है उसके ऊपर पिछले 5 दशकों से आदिवासी परिवार काबिज था. कब्जे के कुछ हिस्से पर लाखन सिंह भील के परिवार को प्रधानमंत्री आवास भी स्वीकृत किया गया है. लेकिन बची हुई सरकारी जमीन पर नैनकराम भील कब्जा करके रह रहा था. इसी कब्जे को हटाने के लिए प्रशासनिक अमले ने बुलडोजर से कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण को हटा दिया. अतिक्रमण हटाने के दौरान एक 80 वर्षीय बुजुर्ग आदिवासी महिला को खदेड़कर पुलिस कस्टडी में रखा गया. महिला रोती बिलखती रही, लेकिन पुलिस और प्रशासन की सख्ती के आगे उसे मदद नहीं मिली. अतिक्रमण हटाने के दौरान अन्य आदिवासियों को भी नजरबंद किया गया था.

KKR vs LSG: पूरन से पंत तक कौन होगा फायदेमंद? कोलकाता vs लखनऊ की जंग में क्या कहते हैं आंकड़े, सबकुछ जानिए यहां

आदिवासियों का क्या कहना है?

सरकारी जमीन पर काबिज नैनकराम भील ने बताया कि वो पिछले 50-60 साल से जमीन पर काबिज है. नगर पालिका में कब्जे का टैक्स भी जमा कर रहा था, एक दिन पहले ही नोटिस दिया और कार्रवाई कर दी. क्या शासन अंधा है? ये कैसा न्याय हुआ?

वहीं विवादित भूमि पर प्रधानमंत्री आवास बना कर रह रहे नैनकराम के बेटे लाखन सिंह ने बताया कि उसने प्रधानमंत्री आवास का निर्माण सरकारी जमीन पर कर लिया है. परिवार के साथ कई सालों से इस जमीन पर काबिज है जिसका टैक्स भी भर रहा था.

PM Awas Yojana: पीएम मोदी देंगे तीन करोड़ घरों का तोहफा, शिवराज ने कहा- आवास योजना से गरीबों को मिल रहा आत्मसम्मान

पूर्व सीएम ने क्या कहा?

सरकार और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए दिग्विजय सिंह ने X पर लिखा है कि गुना नगर एमपी में ⁦@BJP4India⁩ कार्यालय के लिए भूमि आबंटित की गई है उस पर अनेक गरीब आदिवासी परिवार कई वर्षों से रह रहे हैं# उनमें से एक PMAY के अंतर्गत आवास भी है. पूर्व शासन के निर्देश भी हैं जो आवासहीन गरीब परिवार शासकीय भूमि पर आवास बना कर रह रहे हैं उन्हें वहीं विस्थापित कर उन्हें पट्टे दिए जायें. मेरा गुना कलेक्टर से अनुरोध है कि उन्हें वहीं आवास के पट्टे जारी किए जाएँ. यदि वह संभव नहीं है तो उन्हें जब तक वैकल्पिक भूमि आबंटित कर PMAY के अंतर्गत राशि आबंटित नहीं की जाती है तब तक उन्हें वहाँ से ना हटाया जाए. 

बीजेपी का क्या कहना है?

वहीं पार्टी कार्यालय निर्माण के लिए सरकारी जमीन मिलने से बीजेपी खुश है. बीजेपी जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार का कहना है कि कोई भी अतिक्रमण हो उसे जरूर हटाया जाना चाहिए. उक्त जमीन को कैबिनेट में पास करने के बाद की विधिवत तरीके से रजिस्ट्री की गई है. लेकिन दिग्विजय सिंह जैसे लोग जिनकी खुद की जमीन खिसक रही है वो आदिवासियों के नाम का सहारा लेते हैं.

कलेक्टर ने क्या कुछ कहा?

कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि जिस सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाया गया वो बीजेपी कार्यालय के निर्माण के लिए अलॉट की गई है. 

यह भी पढ़ें : शिवपुरी से आयी खुशखबरी! बाबर के विध्वंस के 500 वर्षों बाद माधव नेशनल पार्क में आया नन्हा हाथी, देखिए वीडियो

यह भी पढ़ें : धार में शराब ठेका पर तकरार! नई दुकान को लेकर आबकारी विभाग और ठेकेदार के खिलाफ ऐसे फूटा गुस्सा

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close