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भाजपा की गुटबाजी सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक पहुंची, सिंधिया की बैठक में नहीं पहुंचे सांसद

Madhya Pradesh BJP Politics: भारत सिंह कुशवाह के भाजपा सांसद निर्वाचित होने के बाद पहला मौका है, जब उन्होंने कलेक्ट्रेट में बैठक की. इसके चलते सिंधिया समर्थक काफी असहज महसूस कर रहे थे, क्योंकि कांग्रेस के समय ग्वालियर चंबल में सिंधिया के बगैर पत्ता भी नहीं हिलता था, लेकिन अब वह बात वे लोग महसूस नहीं कर रहे हैं. गाहे बगाहे उनका दर्द सामने आ जाता है.

भाजपा की गुटबाजी सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक पहुंची, सिंधिया की बैठक में नहीं पहुंचे सांसद

MP BJP Politics: भाजपा की गुटबाजी सड़कों से लेकर सोशल मीडिया की वॉल तक पहुंच गई है. हालात ये है कि सिंधिया की बैठक में सांसद नहीं पहुंचे. वहीं, इस पर कांग्रेस ने तंज कसना शुरू कर दिया है. कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश से लेकर केंद्रीय मंत्री तक बता रहे हैं कि ग्वालियर बदहाल है.

मद्य प्रदेश के ग्वालियर में भाजपा की गुटबाजी सड़कों से लेकर सोशल मीडिया की वॉल तक पहुंच गई है. हालात ये है कि पार्टी दो खेमों में साफ बंटी हुई नजर आ रही है. तीन दिन पहले ग्वालियर के भाजपा सांसद भारत सिंह कुशवाह ने डिसा की बैठक लेकर जिले में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए थे, लेकिन सोमवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कलेक्ट्रेट में बैठक ली. हालांकि, बैठक उनके समर्थक प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट के नाम से बुलाई गई थी. इस दौरान सिंधिया अपने समर्थकों के साथ पहुंचे. उन्होंने एक दिन पहले विकास कार्यों का जायजा लिया और सोमवार को उन्हीं पर बैठक में चर्चा की. हालांकि, इस बैठक से सांसद भारत सिंह कुशवाह नदारद रहे.

इसलिए सिंधिया की कलेक्ट्रेट में बैठक

दरअसल, भारत सिंह कुशवाह के भाजपा सांसद निर्वाचित होने के बाद पहला मौका है, जब उन्होंने कलेक्ट्रेट में बैठक की. इसके चलते सिंधिया समर्थक काफी असहज महसूस कर रहे थे, क्योंकि कांग्रेस के समय ग्वालियर चंबल में सिंधिया के बगैर पत्ता भी नहीं हिलता था, लेकिन अब वह बात वे लोग महसूस नहीं कर रहे हैं. गाहे बगाहे उनका दर्द सामने आ जाता है. कुछ महीने पहले मुरार के सरकारी गर्ल्स कॉलेज के एक कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मंच से भाषण में ही कह दिया था कि महाराज ग्वालियर बहुत पिछड़ गया. अब आप ही नेतृत्व सम्भालो, तभी ग्वालियर आगे बढ़ सकेगा. तोमर ने पिछले मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद भी मंत्रियों की मौजूदगी में ग्वालियर की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा था कि अफसर तक फोन नहीं उठाते हैं.

सिंधिया का तीन दिन का दौरा कार्यक्रम

इस बैठक के बाद सिंधिया का तीन दिन का दौरा कार्यक्रम आ गया है. इस दौरान वे अपने संसदीय क्षेत्र के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता स्पीकर नरेंद्र तोमर के क्षेत्र मुरैना भी गए, जहां तोमर ने कुछ दिन पहले सिंधिया का नाम लिए बगैर कहा था कि कुछ नेता ऐसे हैं, जो हर काम के लिए मैं करते हैं, लेकिन हकीकत में कोई नेता नहीं भाजपा की सरकार काम करती है. ऐसे में सिंधिया ने मुरैना जाकर अपना जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया.

सोशल मीडिया पर भिड़े तोमर और सिंधिया समर्थक

आज की बैठक में भी सिंधिया का दबदबा रहा. वे अपने समर्थक दोनों मंत्रियों के अलावा चुनाव हार चुके नेताओं को भी साथ लेकर पहुंचे. भाजपा कोटे के मंत्री नारायण सिंह कुशवाह बैठक में थे, लेकिन उनको भी नरेन्द्र तोमर विरोधी माना जाता है, जबकि तोमर समर्थक सांसद भारत सिंह कुशवाह बैठक में नहीं पहुंचे. तोमर समर्थक सोनू मंगल और सिंधिया समर्थक दिनेश शर्मा के बीच सोशल मीडिया पर हुई, बहस भी चर्चा का विषय बन गई.

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उधर, कांग्रेस ने भी इस विवाद में मजे लेने शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अब खुद सिंधिया और उनके समर्थक मोदी सरकार और राज्य सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं. यहां भाजपा की गुटबाजी में फंसकर विकास का पहिया उल्टा चल रहा है और शहर की बदहाली की चर्चा ऊर्जा मंत्री कैबिनेट की बैठक और सिंधिया मीडिया के सामने कर चुके हैं. सिंधिया की बैठक में सांसद ही नहीं पहुंचे, इससे गुटबाजी सड़क पर आ गई है.

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