
Lahar BJP MLA: भिंड जिले से बीजेपी विधायक अंबरीश शर्मा गुड्डू के साले सुधांशु द्ववेदी को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल भेजने का आदेश धरा का धरा रह गया. 97 करोड़ रुपए के ठगी के आरोपी को कोर्ट के आदेश के बावजूद अस्पताल ने डिस्चार्ज नहीं किया, जिससे आरोपी को गिरफ्तार करने पहुंची भिंड पुलिस को अस्पताल से बैरंग वापस लौटना पड़ा.
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97 करोड़ रुपए की ठगी के मामले में मुंबई की जेल में बंद आरोपी सुधांशु द्विवेदी
गौरतलब है एक शादीशुदा महिला द्वारा 97 करोड़ रुपए की ठगी के आरोप में मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में बंद आरोपी सुधांशु द्विवेदी को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पुलिस ग्वालियर लेकर आई थी. 1 अगस्त को कोर्ट ने सुधांशु द्विवेदी को अनुचित लाभ पहुचाने पर टीआई और बीएमओ पर कार्यवाही के निर्देश दिए और उसे वापस मुंबई जेल भेजने के का आदेश दिया था.
भिंड पुलिस को बिना सुधांशु द्विवेदी की गिरफ्तारी के वापस रंगे हाथ लौटना पड़ा
दरअसल, लहार भाजपा विधायक अम्बरीष शर्मा उर्फ गुड्डू के साले सुधांशु द्विवेदी पर मुंबई में करोड़ों की धोखाधड़ी का मामला ईडी ने दर्ज किया था, जिसमें उन्हें गिरफ्तार कर ऑर्थर रोड जेल में रखा गया था. इसी बीच लहार की एक महिला की शिकायत पर उस पर रेप का केस दर्ज हुआ था, जिसके बाद ट्रांजिट रिमांड पर उसे लहार लाया गया था.
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खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर आरोपी को ग्वालियर के जेएएच में भर्ती कराया गया
रिपोर्ट के मुताबिक लहार में स्वास्थ्य खराब होने का बहाना बनाकर पहले उन्हें स्थानीय अस्पताल में दिखाया गया, फिर जिला अस्पताल भेजा गया और अंततः इलाज के लिए ग्वालियर के जेएएच में भर्ती कराया गया. 1 अगस्त को लहार के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने जारी एक आदेश में आरोपी सुधांशु द्विवेदी को मुंबई की जेल भेजने को कहा था.
अस्पताल का डिस्चार्ज से इनकार, बोली, अभी मरीज की हालत मुंबई भेजे जाने की नहीं
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर असवार थाना प्रभारी नीतेंद्र मावई के नेतृत्व में एक टीम ग्वालियर के जेएएच अस्पताल भेजी गई थी. टीम ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुधीर सक्सेना से चर्चा की, लेकिन अस्पताल ने यह कहते हुए सुधांशु को डिस्चार्ज करने से इनकार कर दिया कि अभी मरीज की हालत मुंबई भेजे जाने के नहीं है, जिससे पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा.
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सवाल है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद सुधांशु को डिस्चार्ज क्यों नहीं किया गया?
आरोप है कि कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने आरोपी को डिस्चार्ज क्यो नहीं किया. माना जा रहा है कि राजनीतिक प्रभावों के चलते न्यायिक आदेशों की अवहेलना की गई है. कांग्रेस नेता डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि विधायक के साले को VIP सुविधा देने के लिए ही फेक रेप केस दर्ज किया गया, जिसका दोषी लहार थाना प्रभारी रविन्द्र शर्मा है.