
Sudhanshu Dwivedi Cheating Case: महाराष्ट्र की क्राइ ब्रांच (Maharshtra Crime Branch) ने 97 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत के बाद भोपाल (Bhopal) से सुधांशु (Sudhanshu Dwivedi ) और उसके साथी रवि को गिरफ्तार किया था. तब से दोनों आरोपी महाराष्ट्र की जेल में बंद थे. अचानक पुलिस ने ग्वालियर की रहने वाली एक 35 वर्षीय महिला की शिकायत पर बीजेपी विधायक के साले पर दुष्कर्म की धारा में मामला दर्ज कर किया.
मध्य प्रदेश के भिंड जिले के लहार से बीजेपी विधायक अम्बरीष शर्मा के साले सुधांशु द्विवेदी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मुंबई जेल से लहार अस्पताल में भर्ती कर वीआईपी सुविधा देने पर न्यायालय ने कड़ा रुख अपना लिया है. न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने शुक्रवार को पारित आदेश में थाना प्रभारी लहार और बीएमओ के विरुद्ध अभियुक्त को अनुचित लाभ पहुंचाने के मामले में उचित कार्रवाई के निर्देश दिए. ठगी के आरोप में मुंबई जेल में बंद विधायक के साले पर पुलिस ने दुष्कर्म की धारा में एफआईआर दर्ज की थी. हालांकि, तभी कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह एफआईआर के पीछे के पुलिस का षड्यंत्र बताया था.
रेप केस को बताया जा रहा षड्यंत्र
बताया जा रहा है कि षड्यंत्र के तहत विधायक के साले को वीआईपी सुविधा देने के लिए उसकी बीमारी का बहाना बनाया गया. इसके बाद उसे भिंड जिला अस्पताल लाकर पूरी मीडिया से दूरी बनाकर डॉक्टरों से चैकअप कराया गया. फिर उसे वापस लहार के अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसको वीआईपी सुविधा दी जा रही थी. इस पर अब लहार अदालत ने टिप्पणी की है कि अभियुक्त सुधांशु मोहन द्विवेदी को ऐसी कोई चिकित्सकीय आपात स्थिति नहीं थी, जिसके कारण उसे अस्पताल में भर्ती रखा जाए. ऐसे में उसे न्यायिक अभिरक्षा में न रखकर अस्पताल में रखना न्याय संगत नहीं है. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि बलात्कार के इस मामले में आरोपी को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया था. यदि उसे किसी प्रकार की चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता है, तो इसकी जिम्मेदारी ऑर्थर रोड जेल के जेल अधीक्षक की होगी और उनके निर्देशानुसार ही उपचार की व्यवस्था की जाए. अदालत के इस निर्देश के बाद स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि कुछ अधिकारियों ने जानबूझकर आरोपी को राहत देने की कोशिश की. अब देखना यह होगा कि थाना प्रभारी रविन्द्र शर्मा और बीएमओ विजय शर्मा पर क्या कार्रवाई होती है.
सुधांशु द्विवेदी पर दर्ज है 97 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला
दरअसल, बीजेपी विधायक अम्बरीष शर्मा के साले सुधांशु द्विवेदी का नाम महाराष्ट्र में 97 करोड़ रुपये की ठगी में पहले से दर्ज है. द्विवेदी के खिलाफ इंदौर के व्यापारी गुरुजीत सिंह चावड़ा ने मुंबई के बांद्रा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सुधांशु ने खुद को अनाज व्यापारी बताकर 452 करोड़ रुपये की ठगी की थी. तब चावड़ा ने बताया था कि सुधांशु ने अनाज के व्यापार में मोटा मुनाफा देने का वादा किया था और उसके कहने पर उन्होंने 340 करोड़ रुपये अपनी कंपनी से और 91.19 करोड़ रुपये गणेश एंटरप्राइजेज नामक फर्म में ट्रांसफर किए. व्यापारी का दावा है कि जब पैसे वापस मांगे, तो मुंबई के प्रभादेवी स्थित फ्लैट में सुधांशु के गुर्गों ने उन्हें बंधक बना लिया और धमकी दी कि यदि उन्होंने दोबारा यह मुद्दा उठाया, तो जान से हाथ धो बैठेंगे. इसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच में की.
सुधांशु द्विवेदी के खिलाफ रेप का मामला भी है दर्ज
शिकायत के बाद मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने भोपाल से सुधांशु और उसके साथी रवि को गिरफ्तार कर लिया था. तब से दोनों आरोपी महाराष्ट्र की जेल में बंद थे. अचानक पुलिस ने ग्वालियर की रहने वाली एक 35 वर्षीय महिला की शिकायत पर बीजेपी विधायक के साले पर दुष्कर्म की धारा में मामला दर्ज कर किया. दरअसल, इस महिला ने आरोप लगाया था कि सुधांशु ने नौकरी का झांसा देकर उसे लहार बुलाया और वहां नींद की दवाई देने के बाद उसके साथ बलात्कार किया. पीड़िता तीन बच्चों की मां हैं और पिछले 12 वर्षों से पति से अलग रहकर अपने बच्चों का पालन-पोषण कर रही है.
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रेप केस पर पुलिस ने ये बताई कहानी
पुलिस की कहानी के अनुसार कुछ महीने पहले ग्वालियर के एक विवाह समारोह में उसकी मुलाकात सुधांशु से हुई थी. इस दौरान सुधांशु ने महिला को नौकरी दिलवाने का झांसा दिया. इसके बाद 22 मार्च को फोन कर उसे लहार बुलाया और 23 मार्च को उसे कार में बिठाकर एक सुनसान मकान में ले गया. वहां उसे ठंडा पेय दिया, जिसके बाद वह बेहोश हो गई. महिला का आरोप है कि इसके बाद सुधांशु ने उसके साथ बलात्कार किया. इन आरोपों पर लहार थाना पुलिस ने देर न करते हुए आरोपी सुधांशु को मुंबई जेल से लाकर लहार जेल में बंद कर दिया.
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