
Corruption in Masdhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बड़वानी (Darwanui) के पाटी नगर में भाजपा (BJP) नेता ही यहां हो रहे विकास कार्य में किए जा रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे हैं. स्थानीय भाजपा नेताओं ने गुणवत्ता में भारी गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत ज़िला प्रभारी मंत्री से की गई है.
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 80 लाख की लागत से स्ट्रीट लाइट, 60 लाख के गणगौर घाट और 40 लाख के बस स्टैंड की घोषणा की थी. अब 2025 में जब ये कार्य ज़मीन पर उतर रहे हैं, तो उसमें गंभीर सवाल सामने आ रहे हैं. स्थानीय भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय वर्मा ने आरोप लगाया है कि गणगौर घाट में घटिया निर्माण किया जा रहा है और बारिश में इसके बह जाने का ख़तरा है. इसके अलावा, स्ट्रीट लाइट में भी पुराने पोल पर कम वोल्टेज वाले बल्ब लगाए जा रहे हैं. इनका आरोप है कि ठेकेदार के जरिए मनमाने ढंग से काम किया जा रहा है.
ऐसे हो रहा भ्रष्टाचार का खेल
भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय वर्मा कहते हैं कि 60 लाख की लागत से गंगोर घाट बनाया जा रहा है, लेकिन पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है. निर्माण के नाम पर उसमें मिट्टी की रेत और हल्का सीमेंट डाला जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने आशंका जाहिर की है कि ये निर्माण कुछ ही महीनों में ढह जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि स्ट्रीट लाइट पुराने पोल पर कमज़ोर बल्ब लगा दिए गए. ये जनता के पैसे की बर्बादी है.
'किसी को विकास की परवाह नहीं'
वहीं, मंडल महामंत्री नरेंद्र राठौड़ ने बताया कि नए पोल और एलटी लाइन की मंजूरी थी, लेकिन ठेकेदार पुराने पोल लगवा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ़ दिखावे का काम हो रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इलाके के लिए बड़ी सौगात थी, लेकिन इसे जिस तरह से किया जा रहा है, उससे लगता है कि किसी को विकास की परवाह नहीं. उन्होंने आगे कहा कि 40 लाख की लागत से बनने वाला नया बस अड्डा अब तक शुरू ही नहीं हुआ है. शहर में ट्रैफिक जाम अब आम बात बन चुकी है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं.
आरईएस इंजीनियर ने ये दी सफाई
वहीं, जब इस पूरे मामले पर आरईएस इंजीनियर दुर्गेश उइके से कमरे पर इंटरव्यू लेने की कोशिश की, तो बताया कि मैं बाहर हूं. इसके बाद उन्होंने फोन पर बताया कि स्ट्रीट लाइट के लिए एस्टीमेट के मुताबिक़ 60 और 90 वोल्ट के 200 बल्ब और 8 हाई मास्क लगाए हैं. सभी कार्य एस्टीमेट के आधार पर ही किए जा रहे हैं. वहीं, जब इस मामले में एमपीईबी के जेई राजाराम बमनके से फोन पर जब चर्चा की, तो उन्होंने बताया कि हमसे 21 लाख का एस्टीमेट मांगा गया था, जिसमें ट्रांसफार्मर और एलटी लाइन शामिल हैं. बाकी का काम आरईएस देख रहा है.
अब देखना ये है कि सरकार अपने नेताओं की शिकायत को गंभीरता से लेती है, या फिर क्षेत्र में भ्रष्टाचार का खेल इसी तरह से जारी रहता है. हालांकि, भाजपा के अपने ही नेता जिस तरह से विकास कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे हैं. वह अपने आप में गंभीर मुद्दा बना हुआ है.
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