Bihar Elections Result: मुकाबला रोमांचक था, दांव पर था बिहार का सिंहासन... विधानसभा चुनावों में ऐसा लगा जैसे राजनीति नहीं, बल्कि एक धमाकेदार टी-20 मुकाबला खेला जा रहा हो और मैदान में बल्लेबाज़ी करने उतरी थी मध्य प्रदेश बीजेपी की पूरी टीम. उनका स्ट्राइक रेट ऐसा कि बड़े-बड़े आईपीएल सितारे भी हैरान रह जाएं. बिहार भेजे गए हर नेता की एंट्री में ऐसा रौब था, मानो वे माइक नहीं बल्कि बल्ला थामे क्रीज पर उतर रहे हों. और जब नतीजों का स्कोरबोर्ड खुला, तो साफ दिखा एमपी की टीम ने बिहार में रन बरसाए हैं.
डॉ. मोहन यादव - ओपनर
उन्हें 25 सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी और उन्होंने बल्ले का ऐसा कमाल दिखाया कि 21 सीटों पर क्लीन हिट लगाकर 84% का ताबड़तोड़ स्ट्राइक रेट बनाया. वही स्ट्राइक रेट जिसकी गूंज से पूरा स्टेडियम झूम जाता है. उन्हें मुश्किल पिचों पर भेजा गया जहां यादव–मुस्लिम समीकरण तीखे बाउंसर की तरह सामने खड़े थे. वज़ीरगंज, आलमनगर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी… कई ऐसी पिचें जहां सामान्य बल्लेबाज टिक ही न पाए. मगर एक सच्चे पावर-हिटर की तरह डॉ. यादव ने हालात के हिसाब से शॉट चुने, स्पिन को कवर ड्राइव में बदला और तेज़ गेंदों को पुल शॉट से बाउंड्री के बाहर भेज दिया. बिहार के ओबीसी-प्रधान मैदान में, जहां ओबीसी वोटर ऊपरी जातियों से दोगुने हैं, उन्होंने अपनी रणनीति उसी हिसाब से सेट की और नतीजों में एनडीए टीम आराम से मैदान मारती नजर आई.
नतीजों के बाद एनडीटीवी से बात करते हुए डॉ. यादव ने कहा कि रिजल्ट जनता के लिए आता है. चुनाव के दौरान, चुनाव के पहले पार्टी और पार्टी के नेताओं को रिजल्ट दिखने लगता है... प्रधानमंत्री के साथ नीतीश कुमार ने बड़े भाई और छोटे भाई की तरह काम किया.
शिवराज सिंह हर गेंद पर चौका जड़ा
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हर गेंद को चौके में बदला. सात सीटों का जिम्मा मिला और सातों पर जीत एकदम परफेक्ट 100% स्ट्राइक रेट... जैसे किसी सुपर ओवर में बल्लेबाज़ एक भी डॉट न खेलने के मूड में हो. चौहान की मौजूदगी ने बीजेपी के कैंप में ऊर्जा भरी और मैदान का पूरा माहौल उनके पक्ष में मोड़ दिया.
फिनिशर्स की जोड़ी - डॉ. नरोत्तम मिश्रा और विश्वास सारंग
दोनों के बल्लों से ऐसी आतिशी पारी निकली कि 6 में 6 सीटें सटीक टाइमिंग से जीती गईं. यह वो फिनिश है जो किसी भी मैच को एकतरफा बना देता है. सिवान में उतरे सारंग ने बिल्कुल ‘डेथ ओवर स्पेशलिस्ट' की तरह मैच को सहज जीत में बदला. पूर्व गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को 6 सीटों का जिम्मा मिला. मप्र के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग को भी 6 सीटों का जिम्मा मिला सबपर एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की.
वीडी शर्मा- टीम के भरोसेमंद वन-डाउन बैट्समैन
उनके पास 19 सीटों का जिम्मा था. उन्होंने 17 जीतकर 89.5% का धमाकेदार स्ट्राइक रेट पेश किया ऐसा प्रदर्शन जिसे कोई भी कोच अपनी टीम में हमेशा रखे. पटना और बेगूसराय जैसे बेहद अहम "चोक पॉइंट" मैदानों पर शर्मा ने लगभग एक महीने तक डेरा डालकर बूथ मैनेजमेंट की फील्डिंग सेट की और महागठबंधन से भी 8 सीटें खींचकर एनडीए के खाते में डाल दीं.
इसी तरह एमपी के अन्य खिलाड़ी अरविंद भदौरिया (गोपालगंज), अनिल फिरोज़िया (गया), गजेन्द्र पटेल (खगड़िया), डॉ. केपी यादव (समस्तीपुर) लगातार रन बनाते रहे. इनकी संयुक्त बल्लेबाज़ी ने वैसा ही नज़ारा पेश किया जैसा गुजरात में हुआ था, जहाँ एमपी के नेताओं ने सीमाई सीटों पर झंडे गाड़े थे.
बिहार को इस चुनावी मुकाबले में पांच ज़ोन में बांटा गया था. सबसे बड़ा ज़ोन मिथिला-तिरहुत जहां मध्यप्रदेश के प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह के नेतृत्व में एमपी की टीम को सौंपा गया था. उनकी टीम में बंशीलाल गुर्जर, अशुतोष तिवारी, शैलेन्द्र बरुआ, अनिल फिरोज़िया, गजेन्द्र पटेल और केपी सिंह यादव जैसे खिलाड़ी शामिल थे. यह सिर्फ प्रचार का खेल नहीं था यह चार महीनों की नेट प्रैक्टिस, पिच रीडिंग, फील्ड सेटिंग और रणनीति का लाजवाब संगम था. 75 से ज्यादा एमपी के नेता एक प्रोफेशनल फ्रैंचाइज़ी की तरह बिहार के मैदान में उतरे, जैसे कोई टीम आईपीएल फाइनल की तैयारी करती है.
उधर विपक्ष का हाल कमजोर " दूसरे की पिच पर खेलने गई टीम" जैसा रहा. कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी जैसे दिग्गज भेजे जरूर, लेकिन उनकी पारी में न रन गति दिखी, न बाउंड्री, न कोई बड़ा शॉट। पूरा अभियान लय से बाहर रहा और वे मुकाबले में कहीं टिकते नज़र नहीं आए.
मध्य प्रदेश के बीजेपी खिलाड़ी सिर्फ मैदान में नहीं उतरे उन्होंने बिहार की पिच को पढ़कर, मौके पर शॉट चुनकर और विपक्षी गेंदबाज़ी की कमज़ोरियों को भांपकर, सीट दर सीट बेहतरीन जीतें दर्ज कीं. चुनावी मैदान में यह सिर्फ प्रचार नहीं था यह एक चैंपियन टीम का क्लासिक प्रदर्शन था, जिसने हर ओवर अपने नाम कर लिया.