Bihar Assemby Result 2025: बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर मध्य प्रदेश में एक बड़ा राजनीतिक तूफ़ान तब खड़ा हो रहा है, दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और प्रियंका गांधी वाड्रा के पति एवं व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा ने बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों को “अनुचित,” “हेराफेरी किया हुआ” और “अस्वीकार्य” बताया. इन आरोपों पर बीजेपी ने तुरंत पलटवार करते हुए उन्हें “बेसिर-पैर,” “हार की हताशा से जन्मे” और “लोकतांत्रिक संस्थाओं का अपमान” करार दिया है.
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62 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए और 20 लाख नए नाम जोड़े गए
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व 62 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए और 20 लाख नए नाम जोड़े गए, लेकिन चुनाव आयोग ने कभी यह नहीं बताया कि किनके नाम जोड़े या हटाए गए. हालांकि दो दिन पहले भी उन्होंने ऐसे ही आरोप लगाते हुए कहा था कि यदि एनडीए 140 से अधिक सीटें जीतती है, तो यह केवल “मैनेज्ड ईवीएम और मैनेज्ड वोटर लिस्ट” की वजह से होगा.
प्रचार के दौरान NDA और MGB में नजर आया था कड़ी टक्कर वाला मुकाबला
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें “कड़ी टक्कर वाला मुकाबला” नजर आया था और चर्चाओं का केंद्र यह था कि एआईएमआईएम और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी किसके वोट काटेगी, “लेकिन नतीजे ज़मीनी हकीकत नहीं दिखाते,” उन्होंने दावा किया.
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बिहार में बीजेपी स्टार प्रचारकों के आगे फीका रहा कांग्रेसियों का स्ट्राइक रेट
गौरतलब है यह आरोप ऐसे समय में आए हैं जब पिछले एक महीने में मध्य प्रदेश के बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं ने बिहार चुनाव में अपनी-अपनी पार्टियों के लिए बड़ी भूमिकाएं निभाई थीं. सीएम डॉ. मोहन यादव ने 25 सीटों में प्रचार किया था, जिनमें 21 सीटों पर एनडीए प्रत्याशी जीते यानि 84 फीसदी की स्ट्राइक रेट. वहीं, पूर्व प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वी. डी. शर्मा का स्ट्राइक रेट भी लगभग 90% की स्ट्राइक रेट.
दिग्विजय और जीतू पटवारी ने बिहार में संभाला था मोर्चा, नहीं मिली सफलता
एमपी के स्टार प्रचारकों को विशेष रूप से पटना और बेगूसराय जैसे अत्यंत संवेदनशील और जातीय रूप से ध्रुवीकृत क्षेत्रों में तैनात किया गया था. वहीं, कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी ने मोर्चा संभाला था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. कांग्रेसी नेताओं के आरोपों को बीजेपी ने “हार की बौखलाहट” बताते हुए उन्हें कड़ा जवाब दिया है.
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बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “पहले जनता का दिल जीतिए, फिर चुनाव जीतने की बात कीजिए. आप भारत जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है की तुलना उत्तर कोरिया जैसे देशों से कर रहे हैं. दुनिया भर के लोग हमारे चुनाव देखने आते हैं. यह कांग्रेस की वही सोच है जब भी हारते हैं, तो EVM को दोष देते हैं, लोकतंत्र को खतरे में बताते हैं, आयोग को निशाना बनाते हैं.”
केसरीवानी ने यह भी कहा कि ऐसे “निरर्थक बयानों” से कुछ नहीं बदलने वाला. “जनता न आपको पसंद कर रही है और न ही कांग्रेस को. बिहार के नतीजों पर कांग्रेस के आरोप और बीजेपी के तीखे जवाब के बीच यह शब्दयुद्ध और तेज़ होने की संभावना है, क्योंकि दोनों पार्टियाँ अब चुनाव बाद की राजनीति में अपने-अपने नैरेटिव को मजबूत करने में जुट गई हैं.