
मध्य प्रदेश के सतना ज़िले में एक प्राथमिक स्कूल प्रशासन की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. ज़िले के प्राथमिक स्कूल कुलगढ़ी में मिड-डे-मील खाने के बाद 4 छात्राएं बीमार हो गईं. उल्टी होने पर उन्हें पहले प्राइवेट डॉक्टर को दिखाया गया. ज़्यादा हालात बिगड़ने पर चारों लड़कियों को जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया है. जहां पर चारों का इलाज चल रहा है. इस मामले में सभी विभागीय अधिकारी अनजान हैं. वहीं, स्कूल हेडमास्टर की दलील है कि यह मद्यं के कारण नहीं हुआ. स्कूल में 45 बच्चों ने खाना खाया था. छात्राओं घर जाने के बाद ही उल्टी हुई.
घर पहुंचने के साथ हुई उल्टियां
बताया जा रहा है कि प्राथमिक स्कूल में लक्ष्मी स्व सहायता समूह की तरफ से दोपहर का भोजन बनाया जाता है. सोमवार को चावल, दाल और सब्जी बनाई गई थी. सभी बच्चों ने खाना खाया. इसके अलावा इसी समूह को प्राथमिक स्कूल जवाहर नगर का भी जिम्मा मिला है. हेडमास्टर अनिल जायसवाल ने बताया कि कक्षा तीन में पढ़ने वाली एक छात्रा को शाम चार बजे के बाद उल्टी हुई. छात्रा के परिजनों को हेडमास्टर को फोन किया. इसी बीच तीन अन्य छात्राओं को भी उल्टियां शुरू हो गईं. प्राथमिक इलाज के लिए कुलगढ़ी के एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया. जहां पर कुछ दवा देने के बाद भी उल्टी बंद नहीं हुई. जिसके बाद सतना जिला अस्पताल लाया गया.
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देर रात पहुंची अस्पताल
बताया जाता है कि छात्राओं के परिजन और समूह संचालन करने वाली अध्यक्ष के परिवार के सदस्य बीमार छात्राओं को देर रात जिला अस्पताल पहुंचे. चारों छात्राओं को बच्चों के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. जहां पर उनका इलाज जारी है. बीमार छात्राओं के नाम दीपांजलि कुशवाहा 9 वर्ष, शिवांगी 6 वर्ष, सबनम 7 वर्ष और सुप्रिया 8 वर्ष हैं. सभी सतना ज़िले के मानिकपुर की रहने वाली हैं. बताया गया है कि दीपांजलि और सबनम की हालत नाजुक बनी हुई है.
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