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This Article is From Apr 08, 2024

Bhutadi Amavasya: भूत-प्रेत उतारने के लिए नदी में लगाई डुबकी, किसी ने तलवार से काटी खुद की जबान तो कोई जंजीरों से बांधा गया

Bhutadi Amavasya in Ujjain: हर साल चैत्र मास की पहली अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या के रूप में भी मनाया जाता है. इस बार उज्जैन में लोग हजारों की तादात में स्नान करने पहुंचे. लोगों का मानना था कि उनके या उनके परिजनों के ऊपर भूत का साया है.

Bhutadi Amavasya: भूत-प्रेत उतारने के लिए नदी में लगाई डुबकी, किसी ने तलवार से काटी खुद की जबान तो कोई जंजीरों से बांधा गया
Bhutadi Amavasya 2024 Ujjain

Ujjain News: उज्जैन में केडी पैलेस स्थित 52 कुंड में सोमवार को भूतड़ी अमावस्या (Bhutadi Amavasya) के अवसर पर हजारों की संख्या में लोग स्नान करने पहुंचे. यहां भारी तादाद में लोग अपने परिजनों पर भूत प्रेत का साया मानते हुए उन्हें नदी में डुबकी लगवाने के लिए लेकर आए थे. इस दौरान कोई जंजीर से बंधा नजर आया तो कोई तलवार से अपनी जुबान काटने का प्रयास करते हुए दिखा. बता दें कि हर साल लोग इस कुंड में चैत्र अमावस्या के दिन आते हैं.

देर रात से ही लग गई थी भीड़

दरअसल, चैत्र मास में कृष्ण पक्ष पर सोमवार को सोमवती अमावस्या और भूतड़ी अमावस्या का विशेष सयोंग बना. इसी वजह से देर रात से ही मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में लोग यहां आने लगे. प्रेत आत्माओं से बाधित बताए जाने वाले महिला और पुरुष 52 कुंड में स्नान करने के लिए आए. इस दौरान, कथित रूप से बाधित महिला और पुरुष चीखते हुए अपने हाथों में तलवार, लोहे की चेन और चाकू से खुद को चोट पहुंचाते दिखें. वहीं, उनके परिजन पूजा पाठ कर उन्हें कुंड में डुबकी लगवाकर प्रेत बाधाओं से मुक्त करवाने का प्रयास करते नजर आए.

प्रेत बाधा दूर होने की मान्यता

मान्यता है कि जिस पर भी बुरी आत्मा का साया होता है, अगर वह भूतड़ी अमावस्या पर 52 कुंड में एक बार डुबकी लगा ले तो उसपर से सभी प्रकार की बलाएं दूर हो जाती हैं. यही वजह है कि भूतड़ी अमावस्या पर बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते है. इससे इस क्षेत्र का माहौल भूतों के मेले जैसा नजर आता है. स्कन्द पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है. पंडित राकेश जोशी ने बताया कि चैत्र मास की अमावस्या सोमवार को होने के चलते सोमवती और भूतड़ी अमवस्या का विशेष सयोंग बना. श्रद्धालु इसे श्राद्ध पक्ष के रूप में मनाते है.

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पितरों की पूजा का खास दिन

इस अमावस्या को कुछ स्थानों पर भूतड़ी अमावस्या की संज्ञा दी गई है. 12 माह में चैत्र मास का कृष्ण पक्ष यदि सोमवती तथा ग्रह विशेष की योग के साथ संयुक्त हो तो पितरों के मोक्ष के लिए विशेष दिन बताया जाता है. राहु, सूर्य के योग होने से इसे भूतड़ी अमावस्या का भी नाम दिया गया है. हालांकि, लोक परंपरा में इसे भूतड़ी कहा जाता है. 

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