
Pandemic Loan Fraud: एक फार्मा कंपनी से सस्ते लोन दिलाने के नाम पर 1.5 करोड़ रुपये ऐंठकर विदेश भाग रहे दो इंजीनियरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दरअसल, फ़ार्मा कंपनी के मालिक सलिल श्रीवास्तव ने पुलिस से शिकायत की थी कि उन्हें कोविड के बाद 2021 में अपने फार्मास्यूटिकल बिजनेस को बढ़ाने के लिए 30 करोड़ रुपये की ज़रूरत थी. लिहाजा, मिनाल निवासी आलोक कुमार खतारे ने अपने साथी गौरव धाकड़ के साथ कम ब्याज पर शीघ्र लोन और विदेश से प्राइवेट फंडिंग दिलाने का झांसा देकर अलग-अलग प्रोसेसिंग फीस और चार्जेस के नाम पर लगभग 1.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है.
महाराष्ट्र और तमिलनाडु के खाते में ट्रांसफर कराए पैसे
बता दें कि आरोपियों ने डेढ़ करोड़ रुपए की ये राशि महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बैंक खातों में ट्रांसफर करवाए थे. इसके बाद दोनों ही आरोपी विदेश जाने की फिराक में थे, लेकिन इंदौर से विदेश भागने से पहले ही पुलिस ने आरोपियों को दबोच लिया. आरोपियों ने दुबई और उज्बेकिस्तान से कम ब्याज पर प्राइवेट फंडिंग का झांसा दिया था, जिसमें फ़ार्मा कंपनी के मालिक फंस गए थे.
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ऐसे फंसा पुलिस की जाल में
फ़िलहाल, विभिन्न धाराओं में दोनों आरोपियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया गया है. दोनों ही आरोपियों को ट्रेस करते हुए इंदौर पुलिस ने धर दबोचा है. आरोपियों को दबोचने के लिए पुलिस की स्पेशल टीम गठित की गई थी. टीम ने इंदौर देवास में आरोपियों की तलाश की थी. इसके बाद इंदौर से दोनों को गिरफ़्तार कर न्यायालय में पेश करने के बाद दोनों ही आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी है. बता दें कि मिनाल रेसिडेंसी में निवास करने वाले आरोपी आलोक कुमार सिविल इंजीनियर है. वहीं, इंदौर निवासी आरोपी गौरव सॉफ़्टवेयर इंजीनियर है.
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