विज्ञापन
This Article is From Dec 16, 2024

Beti Bemisal: डॉक्टर बेटी ने लिवर दान कर बचाई पिता की जान, 10 घंटे तक चला ऑपरेशन

Lever Transplant Operation: लिवर ट्रांसप्लांट ही पिता रमेश चतुर्वेदी की जिंदगी बचाने का एकमात्र उपाय था. रमेश चतुर्वेदी के परिवार के अन्य सदस्य भी पिता को लिवर डोनेट करने के लिए तैयार थे, लेकिन सबसे बड़ी बेटी ने लिवर डोनेट कर पिता की जिंदगी को बचाने का निर्णय किया.

Beti Bemisal: डॉक्टर बेटी ने लिवर दान कर बचाई पिता की जान, 10 घंटे तक चला ऑपरेशन
ऑपरेशन के बाद बेटी पर गौरान्वित पिता की तस्वीर

Proud Father: अक्सर बेटी और बेटों के बीच अंतर की खबरें सामने आती रहती हैं, लेकन सतना जिले की एक बेमिसाल डाक्टर बेटी ने अपने कारनामें उस अंतर को हद तक पाट दिया है. लिवर सिरोसिस से ग्रस्त  पिता की जान बचाने के लिए डाक्टर बेटी ने अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी और उसके दान किए लिवर से पिता की जान बच गई.

MP में अब नेत्रहीन करेंगे ड्राइविंग और दृष्टिहीन बुझाएंगे आग, नगरपालिका ने नेत्रहीनों से मांगे आवेदन

लिवर सिरोसिस की समस्या से जूझ रहे पिता को अपना 60 फीसदी लीवर डोनेट कर सतना जिले की बेमिसाल बेटी डॉ प्रतिभा चतुर्वेदी (रश्मि) ने अपनी जान की परवाह किए बिना पिता रमेश चतुर्वेदी को लिवर डोनेट किया है और अब खूब सराही जा रही हैं.

 सालभर से लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे पिता

जिले के डोमहाई निवासी रमेश चतुर्वेदी पिछले एक साल से लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. उनका इलाज चल रहा था, लेकिन डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी. इस संकट की घड़ी में उनकी बेटी डॉ. प्रतिभा चतुर्वेदी (रश्मि) ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपना 60 फीसदी लिवर अपने पिता को डोनेट करने का निर्णय लिया.

बेटी ने पिता को डोनेट कर दिया अपने लिवर का 60 फीसदी हिस्सा

बेटी ने पिता को डोनेट कर दिया अपने लिवर का 60 फीसदी हिस्सा

एक साल पहले हुई पिता रमेश चतुर्वेदी को हुई थी खून की उल्टी

रिपोर्ट के मुताबिक पिता रमेश चतुर्वेदी को एक साल पहले अचानक खून की उल्टियां होने लगी थीं, और उन्हें बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान पता चला कि उनका लिवर बुरी तरह से खराब हो चुका है. डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी.

MP में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के अवकाश पर लगा प्रतिबंध, 26 जनवरी तक नहीं ले सकेंगे छुट्टी!

लिवर ट्रांसप्लांट ही पिता रमेश चतुर्वेदी की जिंदगी बचाने का एकमात्र उपाय था. रमेश चतुर्वेदी के परिवार के अन्य सदस्य भी पिता को लिवर डोनेट करने के लिए तैयार थे, लेकिन सबसे बड़ी बेटी ने लिवर डोनेट कर पिता की जिंदगी को बचाने का निर्णय किया.

डाक्टर्स की टीम 10 घंटे में किया लिवर ट्रांसप्लांट का सफल ऑपरेशन

रमेश चतुर्वेदी का ऑपरेशन मेदांता अस्पताल गुरूग्राम में 15 डॉक्टरों की टीम ने किया. लगभग 10 घंटे तक चले लिवर ट्रांसप्लांट के सफल ऑपरेशन के बाद पिता को नया जीवन मिल चुके है. आश्चर्य की बात यह रही कि लिवर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के बाद रमेश चतुर्वेदी को महज 12 घंटे में ही होश आ गया और अब उनकी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है.

ये भी पढ़ें-डोनाल्ड ट्रंप फिर जीते, चैनल को महंगा पड़ा झूठा बयान, अब देने होंगे 127 करोड़ रुपए

MP Weather Today: मध्य प्रदेश में अगले 24 घंटे चलेगा शीतलहर का कहर, इन जिलों में इतना गिर सकता है पारा?

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close